मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ के लोकभवन सभागार में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा चयनित 701 वन दरोगाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे युवाओं को मेरिट के आधार पर अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2017 से अब तक प्रदेश में 7 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिल चुकी है, जो सरकार की पारदर्शिता और ईमानदारी का परिणाम है।मुख्यमंत्री ने भर्ती प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद को खत्म करने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में भर्ती के दौरान नातेदारी और रिश्तेदारी की प्रथा थी, जिसे इस सरकार ने पूरी तरह समाप्त कर दिया है। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए, और यह सुनिश्चित किया गया कि सभी युवाओं को समान अवसर मिले। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संपन्न किया गया, जो युवाओं के लिए एक सकारात्मक बदलाव है।
प्रदूषण जैसे मुद्दों से निपटना वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती
सीएम योगी ने वन और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसे मुद्दों से निपटना वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों से पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने और सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों पर भी चर्चा की और कहा कि समाज में जागरूकता फैलाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की आवश्यकता है, ताकि प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से निपटा जा सके।
नवनियुक्त 701 वन दरोगाओं में 140 महिलाएं
मुख्यमंत्री ने महिला आरक्षण नीति की सराहना करते हुए कहा कि नवनियुक्त 701 वन दरोगाओं में 140 महिलाएं शामिल हैं। यह सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान किए जाएं। सीएम योगी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार सरकारी नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है, और आने वाली पुलिस भर्ती में भी बड़ी संख्या में महिलाओं का चयन सुनिश्चित किया जाएगा।