गोंडा
देश का भविष्य संवारने वाला विद्यालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। गोंडा जिले की तेजपुर में मॉडल प्राइमरी स्कूल परिसर में बन रहे भवन के दीवारों में हल्की बारिश से दरार पड़ गई है। करीब 10 लाख 28 हजार की लागत से बनाई जा रही है। भवन बनकर अभी तैयार भी नहीं हुआ है कि दीवारों में दरार पड़ने लगी है। भ्रष्टाचार की दीमक ने भवन को खोखला कर दिया। स्कूल की दीवारों में अभी से बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने लगी हैं। इन दरारों को देखने से यह स्पष्ट होता है कि निर्माण कार्य में घोर अनियमितता बरती गई है। आश्चर्य इस बात का है कि जिम्मेदार अफसर अब भी अंजान बने हुए हैं। शिक्षा के मंदिर निर्माण में गड़बड़ी से ग्रामीण भी नाराज हैं। ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन कर नारेबाजी की है। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण अशोक कुमार, अमरीश यादव, राम प्रताप यादव, शिवपूजन, राजेंद्र यादव सहित आदि लोगों का कहना है कि यहीं पर सैकड़ों विद्यार्थी बैठकर पढ़ाई करेंगे। ऐसे निर्माण में गड़बड़ी चिंता का विषय है।
भवन हैंडओवर होने से पहले ही दम तोड़ने लगी लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। लेकिन अब धीरे धीरे स्कूल भवन निर्माण कार्य में किए गए अनियमितता का पोल खुलने लगा है। जगह-जगह दरारें दिखाई पड़ने लगी है। ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ेंगे और कैसे बढ़ेंगे, यह बड़ा सवाल है। भविष्य में स्कूली बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए पैसा खर्च करती है और तमाम तरह की योजनाएं चलाकर उन्हें इस काबिल बनाती है, जिससे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके। लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिये किये जा रहे प्रयास उन तक पहुंचने से पहले ही कमीशनखोरी और लापरवाही के चलते पहले ही दम तोड़ रही है। भवन निर्माण में प्रयोग की गई घटिया गुणवत्ता के चलते इस भवन में दरारें पड़ गई है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस भवन में बच्चे कैसे और कब तक पढ़ सकते हैं। स्कूल में बच्चों के लिए बने इस भवन की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए, ताकि ऐसे कमीशन खोर विभागीय अधिकारियों की आड़ में भवन निर्माण का कार्य कर रहे ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई हो सके।