जिले के प्रतिष्ठित डीएवी इंटर कॉलेज में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों की गूंज सुनाई दी है। कॉलेज के शिक्षक और आर्य वीर दल के प्रदेश प्रचार मंत्री अशोक तिवारी ने कॉलेज के प्रबंधक संजय तिवारी पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, जालसाजी और कूट रचना के गंभीर आरोप लगाए हैं। अशोक तिवारी, जो डीएवी इंटर कॉलेज में लंबे समय से शिक्षण कार्य कर रहे हैं, ने 16 अक्टूबर 2024 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह आरोप लगाए।अशोक तिवारी ने आरोप लगाया कि वह 12 अगस्त 2024 से चिकित्सा अवकाश पर थे, क्योंकि वह अपने मरणासन्न दिव्यांग पुत्र की देखभाल कर रहे थे, जो लंबे समय से असहनीय पीड़ा झेल रहा है। इसके बावजूद, प्रबंधक संजय तिवारी ने उनके चिकित्सा अवकाश को काटकर उन्हें अनुपस्थित दिखाया और उनका वेतन रोक दिया। हालांकि, जिला विद्यालय निरीक्षक ने प्रबंधक के वित्तीय अधिकार छीनकर उन्हें अगस्त माह का पूरा वेतन दिलवाया।अशोक तिवारी का आरोप है कि जब अगस्त का वेतन काटने का प्रयास विफल हुआ, तो प्रबंधक संजय तिवारी ने 4 और 6 सितंबर 2024 को फर्जी नोटिस तैयार कीं, जो जानबूझकर तीन दिन तक अपने पास रखीं और 7 सितंबर को भेजी गईं। इन नोटिसों में उन्हें 5 सितंबर तक चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया, जबकि नोटिस 9 सितंबर को उन्हें प्राप्त हुई। अशोक तिवारी का कहना है कि यह असंभव था कि वह भूतकाल में जाकर 5 सितंबर तक इसका पालन कर पाते, जिससे यह पूरी प्रक्रिया एक स्पष्ट धोखाधड़ी का प्रतीक बनती है।इसके अलावा, अशोक तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि संजय तिवारी ने डीएवी इंटर कॉलेज में भ्रष्टाचार के माध्यम से अनैतिक नियुक्तियां कीं। उन्होंने दावा किया कि प्रबंधक ने दो सहायक लिपिकों की नियुक्ति में भी जालसाजी की, जिसमें एक सवर्ण और एक दलित श्रेणी के उम्मीदवारों की नियुक्ति होनी थी, लेकिन दोनों ही सवर्ण श्रेणी से भर लिए गए।
फर्जी हस्ताक्षर बनाकर की नियुक्ति
जिला प्रचार मंत्री कुंवर प्रसाद शुक्ला ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि संजय तिवारी ने कॉलेज के दिवंगत प्राचार्य संतोष कुमार दत्ता के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर चार चपरासियों की नियुक्ति की, जिनका वेतन अब तक नहीं मिला है।शिक्षक अशोक तिवारी ने यह भी दावा किया कि प्रबंधक संजय तिवारी ने कॉलेज में अनैतिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधक ने कॉलेज परिसर में मीट पकाने तथा गेट पर ताजिया सजाने की अनुमति दी, जो आर्य समाज के सिद्धांतों के खिलाफ है।
आरोपों का किया खंडन
जिला संचालक अरुण कुमार शुक्ला ने भी इन आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि प्रबंधक संजय तिवारी कॉलेज की दुकानों के किराए और इंटर बायो ग्रुप के छात्रों की आधी फीस को खुद खा जाते हैं, जो भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है। शुक्ला ने प्रबंधक के खिलाफ कई अधिकारियों की जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत की, जिसमें संजय तिवारी के धनबल और राजनीतिक दबाव की चर्चा की गई है।इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दर्जनों आर्य वीरों ने डीएवी इंटर कॉलेज में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने और कॉलेज में प्रशासक नियुक्त करने की मांग की।वहीं प्रबंधक संजय तिवारी ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए उनका खंडन किया है।