उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों की शैक्षणिक क्षमता का आकलन कर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी के सहयोग से 4 दिसंबर को “परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024” आयोजित होगा। इसमें प्रदेश के 9,715 चयनित स्कूलों से लाखों छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाएगा। इस सर्वेक्षण में सरकारी, सहायता प्राप्त निजी विद्यालयों, मदरसों और अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता को परखना है। कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और हमारे आस-पास की दुनिया जैसे विषयों में समझ और प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। यह सर्वे न केवल छात्रों की क्षमताओं को मापेगा बल्कि शिक्षा नीति को और प्रभावी बनाने में मदद करेगा।
कार्यक्रम को लेकर व्यापक तैयारी
सर्वेक्षण को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए जिला स्तर पर समन्वयकों, मास्टर ट्रेनरों और फील्ड इन्वेस्टिगेटर्स की जिम्मेदारियां तय की गई हैं। फील्ड इन्वेस्टिगेटर सर्वेक्षण गतिविधियों का संचालन गाइडलाइंस के तहत करेंगे और छात्रों की सैंपलिंग सुनिश्चित करेंगे।
गोपनीयता और पारदर्शिता पर जोर
सर्वेक्षण में टेस्ट सामग्री की गोपनीयता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी। फील्ड इन्वेस्टिगेटर्स को निर्देश दिए गए हैं कि टेस्ट पैकेट्स की सील जांचने से लेकर छात्रों के प्रदर्शन के सही आंकलन तक हर प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक पूरा करें।
शिक्षा प्रणाली में सुधार का आधार बनेगा सर्वेक्षण
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि यह सर्वेक्षण न केवल छात्रों की वास्तविक शैक्षणिक क्षमता का मूल्यांकन करेगा बल्कि शिक्षा नीति और पद्धतियों में सुधार के लिए ठोस आधार भी तैयार करेगा। इस सर्वेक्षण से योगी सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगी।
गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर समेत पांच जिलों में खास तैयारी
जहां डायट संस्थान मौजूद नहीं हैं, वहां मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद, एटा और हापुड़ के डायट प्राचार्य इन जिलों के सर्वेक्षण संबंधी कार्यों की निगरानी करेंगे।