बलरामपुर जनपद में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर लोन धोखाधड़ी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में बैंक के शाखा प्रबंधक कुलभूषण अस्थाना, एक प्रॉपर्टी डीलर मारूफ, और अब्दुल गनी शामिल हैं। इन तीनों ने मिलकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए ₹9.5 लाख का लोन लिया और रकम आपस में बांट ली। शिकायतकर्ता विवेक कुमार ने खुलासा किया कि मारूफ ने उसे लोन दिलाने का झांसा दिया था। लेकिन जब लोन की रकम उसके खाते में नहीं आई और किस्तें कटने लगीं, तो विवेक ने बैंक से संपर्क किया। जांच में सामने आया कि लोन की पूरी राशि अब्दुल गनी के खाते में भेजी गई थी। इसके बाद विवेक को पता चला कि यह सब मारूफ, अब्दुल गनी और बैंक प्रबंधक की मिलीभगत का नतीजा था। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक नम्रिता श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में थाना कोतवाली नगर की टीम ने तत्परता दिखाते हुए 24 घंटे के भीतर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने लोन की राशि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हड़प ली थी।

बैंक के कर्मचारी फर्जीवाड़े में शामिल
यह मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि इसमें बैंक के उच्च पदस्थ कर्मचारी भी शामिल पाए गए। शाखा प्रबंधक कुलभूषण अस्थाना ने न केवल लोन पास करने में मदद की, बल्कि योजना का सक्रिय हिस्सा भी था। यह पहली बार नहीं है जब बैंक के कर्मचारी ऐसे फर्जीवाड़े में शामिल पाए गए हैं।
फर्जीवाड़े का नेटवर्क बड़ा होने की आशंका
पुलिस ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और मामले की गहन जांच जारी है। इस कार्रवाई ने न केवल शिकायतकर्ता को न्याय दिलाया, बल्कि जनता को भरोसा भी दिया कि ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। पुलिस इस मामले को बड़े फर्जीवाड़े का हिस्सा मान रही है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि यह एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, जिसमें अन्य बैंक कर्मचारी या प्रॉपर्टी डीलर्स भी शामिल हो सकते हैं।