सद्भावना आवाज़
दुर्गेश जायसवाल
गोण्डा
गोण्डा विकास खण्ड बेलसर के ग्राम सभा बकियापुर के अन्तर्गत मलियनपुरवा ज्वाला माई के स्थान पर पाण्डव वंशीय बाबू रघुबीर शरण सेन स्मारक धर्मार्थ ट्रस्ट के बैनर तले उदय सिंह, ध्रुव सिंह, रमेश सिंह, एव विवेक सिंह के संयुक्त आयोजन मे एक सामाजिक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें देवीपाटन मण्डल के गोण्डा, बहराइच ,बलरामपुर ,बस्ती, श्रावस्ती एवं अयोध्या से बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।जनसभा को सम्बोधित करते हुए ट्रस्ट अध्यक्ष शेर सिंह ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा समाज की जननी है जो समाज शिक्षित है उसे विकास करने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि शिक्षा मानव की अन्तर निहित शक्तियो को बाहर लाने का अस्त्र है एवं समाज से उन विचौलियो का खात्मा करना है जो हमे वोट बैंक की तरह प्रयोग करते हैं क्योंकि समाज किसी का वोट बैंक नहीं हमारे परिवार की तरह है ट्रस्ट संस्थापक भगवान सिंह ने समाज की एकता एवं अखण्डता पर विशेष जोर देते हुए कहा “त्याग दी सब कुछ इच्छायें कुछ अलग करने के लिए, राम ने खोया बहुत कुछ श्रीराम बनने के लिए”इसलिए हमे अपने अंदर से कुरीतियों एवं अनैतिक विचारों को निकालने की जरूरत है महासचिव ठाकुर नगेन्द्र प्रसाद सेन ने कहा हमे इस ट्रस्ट के माध्यम से समाज के युवा वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा।
अनैतिक इच्छाओं को त्यागने पर विशेष जोर
आज का युवा अपने लक्ष्य से न भटके तथा पढ़ लिखकर अच्छे क्षेत्र में जाये संगठन मंत्री राम मनोज सिंह ने तामसिक भोजन पर जोर देते हुए कहा कि ईश्वर ने इंसान को खाने के लिए तमाम प्राकृतिक चीजें उपलब्ध की हैं तो हम इन बेजुबान जीवों को मारकर अथवा खरीदकर क्यों खायें क्योंकि जैसा खाया अन्न वैसा रहे मन गोण्डा जिलाध्यक्ष धर्मपाल सिंह ने हर उन अनैतिक इच्छाओं को त्यागने पर विशेष जोर दिया जिससे हमारे सम्मान को ठेस पहुंचे ,शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी भीमराव अम्बेडकर इण्टर कालेज के प्रबंधक प्रदीप सिंह गुरु जी ने कहा शिक्षा क्षेत्र में कमजोर वर्ग को जो भी सहयोग होगा कालेज के तरफ से प्रदान करूँगा एव अमर प्रताप सिंह ने अपने आशीर्वाद रूपी विचारों से लोगों को अनुग्रहित किया ।इस मीटिंग में महामंत्री बलराम सिंह, इन्द्रभान सिंह, हनी सिंह, संतोष सिंह, पप्पू सिंह, रामसिंह, पाटन दीन सिंह, सुमित सिंह, जय सिंह,सुर्जराम सिंह, एवं सैकड़ों ग्राम वासी एवं क्षेत्र वासी उपस्थित रहे।