बलरामपुर। बाढ़ की तबाही ने बलरामपुर जिले में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। तराई क्षेत्र की अधिकांश सड़कें एवं पुलियां बाढ़ की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इससे दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। बाढ़ के कारण सड़कें पूरी तरह टूट गई हैं और कई जगह नव निर्मित पुलियों का अप्रोच भी बह गया है। गत वर्ष की बाढ़ से जो सड़कें और पुलियां क्षतिग्रस्त हुई थीं, उनकी मरम्मत नहीं कराई गई। इसके चलते ग्रामीणों को वर्ष भर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस वर्ष फिर से बाढ़ ने वही मार्ग तबाह कर दिए हैं। ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायतों और प्रार्थना पत्रों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।मुदिता-मिर्जापुर संपर्क मार्ग पर बनी पुलिया के कट जाने से निर्जापुर, बेला, खैरहनिया, बेलासपुर, पटोहाकोट, साखीरेत, रुपनगर व बरगदही सहित दो दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है। करीब 20 हजार लोगों को अब जिला मुख्यालय या महाराजगंज कस्बा पहुंचने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता है।सुगानगर से लोनियनपुरवा जाने वाले संपर्क मार्ग की पुलिया कटने से आवागमन ठप हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार अब न सिर्फ वाहनों का आवागमन बंद हो गया है बल्कि पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया है। इसका सबसे अधिक असर गर्भवती महिलाओं और गंभीर मरीजों पर पड़ा है।
बजट मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू
बेला से बल्देवनगर जाने वाली सड़क पूरी तरह कट चुकी है। इस मार्ग से मिर्जापुर स्थित गन्ना क्रय केंद्र तक पहुंचना अब आठ किलोमीटर लंबा हो गया है। किसानों को अपनी उपज पहुंचाने में अधिक समय और लागत लग रही है, जिससे उनकी आय प्रभावित हो रही है।गुलरिहा हिसामपुर से सिंगाही मार्ग की सड़क की गिट्टियां पूरी तरह उखड़ चुकी हैं। रात के समय साइकिल और बाइक सवार अक्सर गड्ढों में गिरकर घायल हो रहे हैं।एडीएम प्रदीप कुमार ने बताया कि 50 से अधिक क्षतिग्रस्त सड़कों की सूची बनाकर शासन को भेजी गई है। बजट मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू करा दिया जाएगा।