पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल के किडनी रोगियों के लिए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के चिकित्सालय से एक बड़ी राहत की खबर आई है। मुख्यमंत्री एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर डायलिसिस यूनिट को न सिर्फ उन्नत बनाया गया है, बल्कि इसकी क्षमता भी चार गुना बढ़ा दी गई है। अब यहां 18 डायलिसिस मशीनों के साथ प्रतिदिन 60 से अधिक मरीजों की डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है।महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में डायलिसिस यूनिट को श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय से स्थानांतरित कर इसे एक बड़े और आधुनिक केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है। पहले जहां केवल चार मशीनों पर डायलिसिस की सुविधा थी, वहीं अब यह पूर्वांचल के सबसे बड़े डायलिसिस सेंटरों में शुमार हो गया है।
मरीजों को अब नहीं करना होगा लंबा इंतजार
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस डायलिसिस यूनिट का विस्तार किया गया है। डॉ. अरविंद सिंह कुशवाहा, प्राचार्य, श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज, ने बताया कि अब किडनी रोगियों को डायलिसिस के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह पहल विशेष रूप से उन मरीजों के लिए बड़ी राहत है, जो सीमित संसाधनों और समय की कमी के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे थे।
योगी सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना की नियमित मॉनिटरिंग की है। 30 नवंबर को उन्होंने यूनिट का निरीक्षण कर इसे समय से चालू करने के निर्देश दिए। उनकी पहल से यह यूनिट पूरी तरह कार्यशील हो चुकी है।
60+ मरीजों को प्रतिदिन मिल रही सेवा
वर्तमान में, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का यह डायलिसिस सेंटर प्रतिदिन 60 से अधिक मरीजों का इलाज कर रहा है। यहां वरिष्ठ चिकित्सकों और प्रशिक्षित टेक्निशियनों की टीम मरीजों की देखभाल कर रही है, जिससे इलाज की गुणवत्ता उच्चतम स्तर पर बनी हुई है।
आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का केंद्र बन रहा है गोरखपुर
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का यह प्रयास पूर्वांचल और पड़ोसी क्षेत्रों के मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। यह न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार है, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वास्थ्य सेवा में सुधार की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।