उतरौला-डुमरियागंज मुख्य मार्ग से मिर्जापुर गांव और कंपोजिट विद्यालय तक जाने वाली करीब एक किलोमीटर लंबी सड़क की दुर्दशा ने ग्रामीणों और राहगीरों की परेशानी बढ़ा दी है। सालों से जर्जर हो चुकी इस सड़क पर अब गड्ढों और बिखरी हुई गिट्टियों ने कब्जा कर लिया है। बड़े-बड़े पत्थर ऊपर आ गए हैं, जिससे पैदल चलने वाले और वाहन चालकों को आए दिन चोटिल होना पड़ता है।
रात में बढ़ जाती है मुश्किलें
ग्रामवासियों ने बताया कि सड़क पर बने गड्ढे और बिखरे पत्थर रात के समय और भी खतरनाक हो जाते हैं। राहगीरों को आए दिन चोट लगने की घटनाएं हो रही हैं। इस रास्ते से स्कूल जाने वाले बच्चों और अन्य लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ई-रिक्शा चालक इस सड़क पर चलने से साफ इनकार कर देते हैं, जिससे ग्रामीणों को आवाजाही के लिए दूसरी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं।गांव के निवासी जितेंद्र, महेश, सालिक राम, रामेशर, निबरे, बड़का और महेंद्र का कहना है कि सरकार भले ही गड्ढा मुक्त सड़कों का दावा करे, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। पहले से बनी पक्की सड़कें भी गड्ढों में तब्दील हो रही हैं। न तो जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं और न ही विभागीय अधिकारी।
एडीएम का आश्वासन, बजट मिलते ही काम शुरू होगा
इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए एडीएम प्रदीप कुमार ने कहा कि जैसे ही बजट स्वीकृत होगा, सड़क को दुरुस्त करने का काम शुरू कराया जाएगा। लेकिन तब तक गांव वालों को जान जोखिम में डालकर इसी सड़क से आवागमन करना पड़ेगा।ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत कराने की मांग की है।
इसे पढें:NDA गठबंधन की बड़ी जीत पर सीएम योगी ने जताया आभार
इसे पढें:द साबरमती रिपोर्ट के लेखक बने अविनाश तोमर प्रतापगढ़ का लाल, बॉलीवुड में कमाल