बलरामपुर। बरेली और गाजियाबाद की आयकर विभाग टीम ने गुरुवार देर शाम शहर के बड़े भूमि कारोबारियों के घरों और दुकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई से जिले के अन्य कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। शुक्रवार देर शाम तक आयकर अधिकारियों ने कारोबारियों से गहन पूछताछ की और उनके फोन कब्जे में लेकर जांच पड़ताल की। हालांकि, आयकर विभाग की टीम और स्थानीय प्रशासन इस कार्रवाई पर कुछ भी बोलने से बच रहा है। गुरुवार की रात आयकर विभाग की टीम बलरामपुर पहुंची। अधिकारियों ने पहले एक होटल में रणनीति तैयार की, फिर एएसपी से पुलिस बल मांगा। इसके बाद छह टीमों में बंटकर अलग-अलग स्थानों पर छापा मारा गया।
- पहला छापा सिटी पैलेस इलाके के एक बड़े भूमि कारोबारी के घर पड़ा। कारोबारी न मिलने पर उनके भाई को बुलाकर पूछताछ की गई और घर के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी गई।
- दूसरी टीम गदुरहवा इलाके में एक फर्म प्रोपराइटर के घर पहुंची और देर रात तक पूछताछ की।
- तीसरी टीम चिकिनी मोहल्ले में एक और कारोबारी के घर गई, लेकिन वह नहीं मिला। टीम ने परिजनों से पूछताछ कर वापस लौट गई।
- चौथी टीम ने नहरबालागंज-उतरौला मार्ग स्थित एक दुकान पर छापा मारा और वहां मौजूद व्यापारी से जमीन खरीद-बिक्री को लेकर लंबी पूछताछ की।
- पांचवीं और छठी टीमों ने अन्य दो जगहों पर दबिश दी और दस्तावेजों की तलाश की।
बड़े पैमाने पर कैश लेन-देन, टैक्स चोरी का शक
सूत्रों के मुताबिक, जिन लोगों से पूछताछ की गई, वे सभी एक ही फर्म से जुड़े हुए हैं, जो बड़े पैमाने पर जमीन का कारोबार करती है। चर्चा है कि ये कारोबारी लखनऊ तक अपना नेटवर्क फैला चुके हैं और करोड़ों की जमीनें खरीद-बेच चुके हैं। लेकिन इनकी कमाई का सही हिसाब नहीं दिया गया और टैक्स की चोरी की गई।
कैसे होती थी टैक्स चोरी?
- यह फर्म बड़ी जमीनें खरीदकर प्लॉटिंग करती थी और ऊंचे दामों पर बेचती थी।
- बैनामे में ऑनलाइन भुगतान की बजाय कैश ट्रांजैक्शन ज्यादा किया जाता था।
- करोड़ों की कमाई के बावजूद आयकर का सही भुगतान नहीं किया गया।
विदेश यात्राओं पर खुफिया एजेंसियों की नजर
खुफिया एजेंसियों को भी इस फर्म पर संदेह था, क्योंकि फर्म के प्रोपराइटर और अन्य सदस्य लगातार विदेश यात्राएं कर रहे थे। एजेंसियों ने सरकार को रिपोर्ट भेजकर इनकी आमदनी और संपत्तियों की जांच कराने की सिफारिश की। इसी आधार पर दो जिलों की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई की गई।
अब तक क्या मिला?
फिलहाल आयकर विभाग को कोई ठोस दस्तावेज या आय से अधिक संपत्ति के प्रमाण हाथ नहीं लगे हैं। लेकिन जिनके यहां छापे पड़े, उन पर टैक्स चोरी और काले धन को खपाने के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
क्या बोले अधिकारी?
एएसपी नम्रता श्रीवास्तव ने कहा, “आयकर विभाग ने छापेमारी के लिए पुलिस बल मांगा था, जिसे उपलब्ध करा दिया गया। लेकिन उन्होंने पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखा और किसी भी जानकारी को साझा नहीं किया।”