सद्भावना आवाज़
किशन शुक्ला (संवाददाता)
बस्ती।
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे वहीं आम आदमी खाने का बजट अब बड़ा होता जा रहा है। हरी सब्जियों से लेकर टमाटर के दाम अब आम आदमी के पहुंच से धीरे-धीरे दूर होते जा रहे हैं। वही लोगों की माने तो अब टमाटर का स्वाद सब्जियों में सिर्फ सपनों में ही खाने को मिल रहा है। हकीकत में अब उनके थाली से बहुत दूर हो चुका है।
कोई हरी सब्जियों के दाम भी 50 रुपया के आंकड़े को पार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में अब आम आदमी के किचन से हरी सब्जियों खाने में काफी समस्या उत्पन्न हो रही है। वही प्रोटीन संयुक्त हरी सब्जियों के आम आदमी के किचन से दूर होने पर आम आदमियों की सेहत पर भी काफी असर पड़ेगा वहीं डॉक्टरों का माने तो हरी सब्जियों में काफी विटामिन और पोषण युक्त विटामिन पाई जाती हैं, अगर ऐसे ही कुछ महीनों सब्जियों का रेट तेजी से बढ़ता रहा तो आम आदमी के स्वास्थ्य पर भी इसका काफी असर पड़ सकता है।
हरी सब्जियों के दाम बढ़ते रहे तो आम आदमी किस सेहत पर भी पड़ेगा इसका असर
आपको बता दें कि हरी सब्जियों में काफी विटामिन और पोषण युक्त विटामिन पाई जाती है वही लगातार हरी सब्जियों के दाम बढ़ने से आम आदमी के स्वास्थ्य पर भी इसका असर जरूर दिखाई देगा। यह जानकारों की माने तो हरी सब्जियां अब आम आदमी गरीब के किचन से बिल्कुल दूर दिखाई दे रही है, और हरी सब्जियों के दाम बढ़ने से आम आदमी और गरीब उसको खरीदने में बिल्कुल असफल दिखाई दे रहा है। बारिश शुरू होते ही सब्जियों के दाम दाम आसमान छूने लगे और आम आदमी कि बजट लड़खड़ा ना शुरू हो गया।

बारिश शुरू होते ही आसमान पर पहुंचे सब्जियों के भाव ग्राहक के साथ दुकानदार भी हो रहे परेशान
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में साप्ताहिक बाजार लगती हैं जहां पर आम लोगों को सब्जियों के भाव सस्ते मिलते थे, लेकिन अब वह भी सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। वहीं इससे आम लोग और दुकानदार भी काफी परेशान हो रहे हैं। वहीं दुकानदारों से जब इस संबंध में बात किया गया तो, उन्होंने बताया कि सब्जियों के दाम बढ़ने से बिक्री में भी काफी कमी आई है, क्योंकि लोगों के पास इतने पैसे नहीं है, कि वह इधर इतने मेहंगे सब्जियों को अपने घर ले जाए और इसका स्वाद ले छोटे शहरों कस्बों में साप्ताहिक बाजारों से आम लोग हफ्ते भर की एक बार में ही सब्जियां खरीद लेते थे, और आराम से उसका स्वाद लेते थे लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है, लोग 100 और 200 ग्राम में सब्जियां खरीद कर थोड़ा-थोड़ा स्वाद चखने पर मजबूर हो रहे।
20 रुपया किलो बिकने वाला टमाटर अब 100 रुपया के पार होने पर हो रहा बेताब
छोटे शहरों जैसे बस्ती, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर, अयोध्या और कई ऐसे जिलों में जहां पर 20 रुपया किलो टमाटर मार्केट में बिक रहा था। अब वह सौ के पार होने पर बेताब दिखाई दे रहा है, वही इतने मेहंगे टमाटर होने पर आम आदमी के किचन से अब वह काफी दूर से सस्ता हुआ भी दिखाई दे रहा है। वही छोटे शहरों कस्बों में महिलाओं ने बताया कि टमाटर चटनी में भी खाने को नहीं मिल रहा है, क्योंकि इसके दाम इतने ज्यादा बढ़ गए हैं, कि उस को घर लाना बहुत मुश्किल पड़ रहा है। 1 सप्ताह के अंदर टमाटर की कीमत 5 गुना लगातार बढ़ोतरी होती दिखाई दी है।
