सद्भावना आवाज़
गोंडा । गोंडा और कैसरगंज सीटों पर एक बार फिर कमल खिला है। एक तरफ गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह ने भाजपा के टिकट पर हैट्रिक लगाई तो दूसरी ओर कैसरगंज से भाजपा प्रत्याशी करण भूषण सिंह ने अपना पहला चुनाव जीतकर पिता बृजभूषण शरण सिंह की साख बचा ली।गोंडा लोकसभा सीट से कीर्तिवर्धन सिंह ने 2014 के चुनाव में सपा प्रत्याशी नंदिता शुक्ला को 1.60 लाख वोटों से हराकर पहली बार भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के विनोद कुमार उर्फ पंडितसिंह को 1.66 लाख मतों के अंतर से हराया था। इस बार इंडिया गठबंधन ने सपा प्रत्याशी श्रेया वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा था।माना जा रहा था कि श्रेया जीत दर्ज कर अपने दादा बेनी प्रसाद वर्मा की हार का बदला ले सकेंगी। कुर्मी, यादव और मुस्लिम वोटों की बदौलत वह संसद तक पहुंचेंगी। मगर जातीय जुगलबंदी भी उन्हें जीत नहीं दिला पाई।
सपा प्रत्याशी को मिली करारी शिकस्त
ऐसे में कीर्तिवर्धन सिंह तीसरी बार जीत हासिल करने में सफल हो गए।इसी तरह कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर भाजपा ने इस बार उनके बेटे करण भूषण सिंह को चुनाव मैदान में उतारा। करण भूषण ने पहली बार में ही सपा प्रत्याशी भगतराम मिश्र को शिकस्त दी है। यहां भी सपा की ब्राह्मण वोटों की सेंधमारी कोई खास असर नहीं डाल पाई। करण भूषण ने देवीपाटन मंडल में सबसे अधिक वोटों से जीत दर्ज कराई है।सपा प्रत्याशी भगतराम मिश्र ने कैसरगंज सीट पर ब्राह्मणों के सहारे साइकिल को संसद भवन तक पहुंचाने की पुरजोर कोशिशें की। मगर ब्राह्मण मतदाता सपा पर पूरा एतबार नहीं कर सके। इतना ही नहीं सपा ने भाजपा की तर्ज पर अंत तक सस्पेंस बनाये रखा और नामांकन के अंतिम दिन टिकट की घोषणा की। कैसरगंज सांसद बृजभूषणशरण सिंह के चुनाव प्रबंधन के आगे सपाई फेल हो गए। बृजभूषण अपने बेटे करणभूषण को टिकट के साथ जीत दिलाने में कामयाब रहे। विश्विविद्यालय समेत अन्य मुद्दों के जरिए युवाओं को जोड़ने साधने में भी सपा नाकाम रही है। इस तरह से सपा प्रत्याशी को करारी शिकस्त मिली है।
प्रत्याशी राजनीतिक दल प्राप्त मत