महाकुंभ 2025 को स्वच्छ, सुरक्षित और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तैयारी में जुटी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने गंगा सेवादूतों का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया है। इस कार्यक्रम में 250-250 लोगों के बैच में कुल 1800 गंगा सेवादूतों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ये सेवादूत महाकुंभ के दौरान सफाई, सुरक्षा और प्लास्टिक के उपयोग को रोकने में अहम भूमिका निभाएंगे।मेला विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राना ने बताया कि यह प्रशिक्षण 29 नवंबर तक जिला पंचायत सभागार, प्रयागराज में चलेगा। गंगा सेवादूतों को सैनिटेशन निरीक्षण, टेंट सिटी की कार्ययोजना, अग्नि सुरक्षा और अन्य आपदाओं से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए विशेषज्ञों द्वारा मॉक ड्रिल भी कराई जा रही है।
गंगा सेवादूत निभाएंगे जिम्मेदारियां
महाकुंभ के दौरान गंगा सेवादूत सफाई व्यवस्था, टेंट सिटी का निरीक्षण और प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने का काम करेंगे। किसी गड़बड़ी की स्थिति में ये आईसीटी सिस्टम के माध्यम से शिकायत दर्ज करेंगे। इसके अलावा, आग लगने या अन्य आपदाओं से जुड़ी जानकारी संबंधित विभागों तक पहुंचाएंगे। खासतौर पर महाकुंभ को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाएंगे।
आसपास के जिलों से चुने गए सेवादूत
प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर जैसे जिलों से गंगा सेवादूतों का चयन किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि ये प्रशिक्षित सेवादूत न केवल स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगे। यह पहल महाकुंभ 2025 को अब तक का सबसे स्वच्छ और सुरक्षित आयोजन बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।