धनतेरस और दीपावली के पर्व को लेकर बाजारों में तैयारियाँ पूरी जोरों पर हैं। बाजार पूरी तरह दुल्हन की तरह सज गए हैं। दुकानों की सजावट के साथ-साथ घरों की साफ-सफाई का काम भी चल रहा है। दुकानों में रंग-रोगन कर सजावट की गई है, खासकर सोने-चांदी, कपड़ों और इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचने वाली दुकानों पर विदेशी झालरों की चमक-दमक देखने लायक है, जहां ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है।पटाखों की दुकानों ने फायर सर्विस और संबंधित थानों से लाइसेंस की सभी कागजी कार्यवाही पूरी कर ली है। नगर और आसपास के इलाकों में सैकड़ों पटाखा की दुकानें सज गई हैं। नगर के शिवाले बाग मैदान में भी आतिशबाजी की दुकानें लगी हुई हैं, जहां से ग्राहकों ने खरीदारी शुरू कर दी है।
विदेशी झालर की बिक्री जोरों पर
नगर के छोटे-बड़े इलेक्ट्रॉनिक दुकानों पर चाइनीज झालरों की अधिकता देखी जा रही है। इनकी कीमत 40 रुपये से लेकर 400 रुपये के बीच है, जबकि देशी झालरों का स्टॉक काफी कम है। इलेक्ट्रिक पार्ट्स के व्यापारी वीरेंद्र सिंह पप्पू का कहना है कि स्वदेशी सामान की बिक्री तभी बढ़ेगी जब सरकार विदेशी सामानों पर रोक लगाए।

मिट्टी के दीपों की मांग घटी
पिछले कुछ वर्षों में रौशनी के इस त्योहार में लोग तेल के दीप जलाते थे, लेकिन महंगाई के कारण अब लोग केवल नाममात्र के लिए दीपक जलाने लगे हैं। इससे मिट्टी के दीपों के विक्रेताओं के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। विदेशी झालरों की बिक्री ने इस कमी को और बढ़ा दिया है।
आभूषण व बर्तनों की दुकानें सज गईं
नगर में गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाओं की दुकानों के साथ-साथ आभूषण की दुकानों पर चांदी के सिक्के और मूर्तियां सजाई गई हैं। फूल माला बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि बाजार में इस समय फूलों और मालाओं की मांग तेजी से बढ़ी है। माला की कीमत त्योहार के चलते 10 से 20 रुपये की बजाय 60 से 80 रुपये के बीच बिक रही है। प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार सिंह ने दीपावली की भीड़ को देखते हुए गोयल तिराहा से कतरनिया तिराहा तक ई-रिक्शा और बड़ी गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है, ताकि खरीदारी करने आए लोगों को कोई परेशानी न हो।