सद्भावना आवाज़
अनूप शुक्ला
उतरौला,बलरामपुर
हुसैन इंसानियत के राहबर का नाम है । मौलाना गुलाम अब्बास हल्लौरी इमाम हुसैन के पैगामात और उनके विचारों को दुनिया के सामने लाना जरूरी है, इमाम हुसैन किसी एक कौम या फिरके के नही बल्कि पूरी इंसानियत के हादी और रहनुमा हैं, इमाम हुसैन ने ही हमे सिखाया कि बातिल के मुकाबले में हक की हिमायत और मदद के लिए खड़े हो जाना ही इमाम हुसैन का रास्ता है । उक्त विचार अशरे मुहाहर्म में मीरपूर की मजलिसे अजा में लखनऊ से आए मौलाना गुलाम अब्बास हल्लौरी ने पेश किए , ज्ञात हो कि मीरपूर में अंजुमन अबुल फजलिल अब्बास मीरपुर के तत्वाधान में हो रहे अशरे मुहर्म की मजलिसेँ जारी हैं, जिसमे 1 से 10 मुहर्रम तक इमाम हुसैन की दर्दनाक शहादत की याद में शोक सभाएं और मजलिसें बरपा की जाएंगी ।
गांवों में मजलिसों का आयोजन
अंजुमन के सदर सैय्यद सलीम हैदर ने बताया कि 7 मुहर्रम से कस्बे में जुलूसों का सिलसिला शुरू हो जाएगा और हुसैनी अजादार जुलूसों में शामिल हो के पुरसा पेश करेंगे, 9 मुहर्रम की रात भर मजलिस वा मातम का यह सिलसिला जारी रहेगा और 10 मुहर्रम को ताजिया का जुलूस करबला पहुंच कर ताज़िया को सिपुर्द खाक किया जाएगा। मुहर्रम को पूरे अकीदत और एहतराम के साथ शान्ति पूर्ण ढंग से शहईदआनए कर्बला की याद में अनेकों गांवों में मजलिसों का आयोजन किया जा रहा है। रंकी बदलपुर के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि शमशाद खान ने बताया कि उनके गांव में पहली तारीख से ही मजलिस आयोजित की जा रही है ।