सद्भावना आवाज़
गोरखपुर।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर को पूर्वी उत्तर प्रदेश, सीमावर्ती बिहार और नेपाल की तीन करोड़ की आबादी के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बताते हुए कहा कि यह शहर अब शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश के क्षेत्र में एक प्रमुख ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया है। यह बयान शनिवार को गोरखपुर में सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत करते हुए दिया।
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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ का प्रदेश और गोरखपुरवासियों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा, “गोरखपुर में उपराष्ट्रपति का पहला आगमन हमारे लिए सौभाग्य की बात है। आज का दिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सैनिक स्कूल की स्थापना से पीढ़ियों के निर्माण का पवित्र उद्देश्य पूरा हो रहा है।”
गोरखपुर का पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह स्थान महायोगी गुरु गोरखनाथ की साधना स्थली है और गीता प्रेस के माध्यम से विश्वभर में सनातन साहित्य के प्रकाशन का केंद्र भी है। उन्होंने गोरखपुर की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया, जैसे कि 1857 के स्वतंत्रता समर में शहीद बंधु सिंह के नेतृत्व में अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती देना और 1922 में चौरीचौरा की ऐतिहासिक घटना द्वारा स्वतंत्रता संघर्ष को नई दिशा देना।
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मुख्यमंत्री ने गोरखपुर की रणनीतिक स्थिति का भी उल्लेख किया, जिसमें महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर, बुद्ध की जन्मभूमि लुम्बिनी, संतकबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर, प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या और बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के निकटता शामिल है।
सैनिक स्कूल की स्थापना और विकास
सीएम योगी ने सैनिक स्कूल के निर्माण की प्रक्रिया और इसके महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह स्कूल तीन वर्षों की अल्प अवधि में 176 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है। यह पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला सैनिक स्कूल है और इसमें कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को आवासीय शिक्षा की सुविधा दी जाएगी। यह संस्थान भविष्य की पीढ़ियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और छात्रों को राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए तैयार करेगा।
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सैनिक स्कूल के परिसर में अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिनमें जनरल विपिन रावत के नाम पर ऑडिटोरियम, शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के नाम पर मल्टीपरपज हॉल, एकलव्य शूटिंग रेंज और तरणताल शामिल हैं। परिसर में छात्रावास, अन्नपूर्णा भवन, और विभिन्न खेल सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। शहीद भगत सिंह, शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल, शहीद बंधु सिंह और वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर आवासीय सदन बनाए गए हैं, और अन्नपूर्णा भवन में स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक भोजन की व्यवस्था की गई है।
गोरखपुर की विकास यात्रा
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के विकास की दिशा में किए गए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खाद कारखाना परिसर में सैनिक स्कूल की स्थापना के साथ-साथ, गोरखपुर में एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज से स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। चीनी मिलों से गन्ना किसानों को लाभ मिल रहा है और सड़क निर्माण, एक्सप्रेसवे, सिक्सलेन और फोरलेन के निर्माण से गोरखपुर की पहचान और भी उभरी है।
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शिक्षा सुधार के प्रयास
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शिक्षा सुधार के दिशा में सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित 1 लाख 56 हजार से अधिक स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं को सुधारने का कार्य जारी है। 1 लाख 34 हजार स्कूलों में यह कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा, प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर अटल आवासीय विद्यालय और 57 जिलों में डे केयर स्कूल खोले जाएंगे। पीएमश्री योजना के तहत 1707 विद्यालयों को बेहतरीन सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है, ताकि नई पीढ़ी को उत्तम शिक्षा प्राप्त हो सके।
उपराष्ट्रपति का योगदान
सीएम योगी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को सम्मानित करते हुए कहा कि देश का पहला सैनिक स्कूल 1960 में लखनऊ में स्थापित किया गया था। इसके बाद 1961 में पांच नए सैनिक स्कूलों की शुरुआत की गई। उन्होंने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जो कि चितौड़गढ़ सैनिक स्कूल के पुरातन छात्र हैं, के हाथों से गोरखपुर का सैनिक स्कूल उद्घाटित होना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।