बलरामपुर। मई के पहले सप्ताह की शुरुआत जिले में अचानक बदले मौसम के मिजाज से हुई। सोमवार को दोपहर करीब 12:30 बजे आसमान में घने काले बादल छा गए और कुछ ही देर में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। लगभग एक घंटे तक हुई झमाझम बारिश के साथ 15 मिनट तक ओलावृष्टि भी देखने को मिली। इस बारिश ने जहां भीषण गर्मी से राहत दी, वहीं नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव और बिजली आपूर्ति बाधित होने से आम जनजीवन प्रभावित हुआ। बारिश से किसानों को भी बड़ी राहत मिली है। कृषि विभाग के अनुसार गन्ने की फसल को इस बारिश से फायदा हुआ है। खेतों में पर्याप्त नमी हो जाने से किसानों को जुताई के लिए सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी, जिससे लागत में कमी आएगी और समय की भी बचत होगी। कृषि विभाग का कहना है कि दो से तीन दिनों में खेत जुताई के योग्य हो जाएंगे। बारिश के बाद नगर की प्रमुख गलियों में चार घंटे तक जलभराव की स्थिति बनी रही।
हटाया जाए अतिक्रमण
पीपल तिराहा से वीर विनय चौराहा, अंबेडकर चौराहा, मेजर चौराहा, अटल भवन के पास तुलसी पार्क के आस-पास की सड़कों पर दोनों ओर पानी भर गया, जिससे पैदल चलना तो दूर, दुपहिया और चार पहिया वाहन चालकों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर पालिका की लापरवाही के चलते समय से नालियों की सफाई नहीं हुई, जिसके कारण हल्की बारिश के बाद ही जल निकासी ठप हो गई। दुकानों के सामने, खासकर अंबेडकर चौराहे के पास, अतिक्रमण के कारण नालियों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। कुछ जागरूक नागरिकों ने बताया कि कई लोगों ने घरों और दुकानों के सामने की नालियों पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में सफाई कर्मचारी भी सफाई का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लेते हैं। लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई इसलिए नहीं होती क्योंकि वह “वोट बैंक” को नाराज़ नहीं करना चाहते। सड़कों पर भरे पानी और गंदगी से बदबू फैल रही है और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
नालियों की नियमित कराई जाए सफाई
कई जगहों पर नालियों में कचरा, पॉलिथीन और सिल्ट जमा होने के कारण पानी का बहाव पूरी तरह से रुक गया है। नगरवासियों ने नगर प्रशासन से मांग की है कि अतिक्रमण हटाया जाए, नालियों की नियमित सफाई कराई जाए और जलभराव की स्थायी समस्या का समाधान निकाला जाए।उतरौला कस्बे में भी झमाझम बारिश के चलते जलभराव की समस्या देखने को मिली। श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा, विनय मेडिकल स्टोर, गौसिया स्कूल और लालगंज तिराहा जैसे प्रमुख स्थानों पर पानी भर गया। दुकानदारों का कहना है कि जलभराव के कारण कारोबार भी प्रभावित हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र में खुले में रखे ट्रांसफार्मर और जर्जर बिजली पोल बरसात के मौसम में खतरा बनते हैं, जिससे करंट उतरने की आशंका बनी रहती है। जहां एक ओर जिले के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हुई, वहीं भारत-नेपाल सीमा से सटे गैसड़ी और पचपेड़वा में केवल तेज हवाएं चलीं, लेकिन बारिश नहीं हुई।
तेज हवाओं के चलते बिजली गुल
तेज हवाओं के चलते जिले की विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो गई। नगर क्षेत्र में करीब दो घंटे बिजली गुल रही, वहीं ग्रामीण इलाकों में देर शाम तक आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। बिजली न होने से लोगों को पेयजल और अन्य आवश्यक कार्यों में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विद्युत विभाग के कर्मचारी लोकल फाल्ट को दूर करने में युद्ध स्तर पर जुटे हैं।