करवा चौथ का पर्व जहां सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत और पूजा करती हैं, वहीं रेहुआ मंसूर गांव की रोली मिश्रा के लिए यह दिन दर्द और पीड़ा लेकर आया है। बीते 13 अक्टूबर को महराजगंज बाजार में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा में समुदाय विशेष की फायरिंग में रोली के पति राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। करवा चौथ के एक सप्ताह पहले ही विधवा हो चुकी रोली का हाल अब बेहद खराब है, और वह अपनी किस्मत को कोसते हुए बेसुध पड़ी रहती है।
पहला करवा चौथ बन गया दुख का दिन
रोली मिश्रा का यह पहला करवा चौथ था, लेकिन नियति ने उसे इस पर्व की खुशी से वंचित कर दिया। करवा चौथ के दिन जहां बाकी सुहागिन महिलाएं सज-धजकर अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत और पूजा कर रही हैं, वहीं रोली के जीवन से यह खुशी हमेशा के लिए छिन गई है। पति की असमय मौत ने उसके जीवन में गहरा शोक भर दिया है।
तीन माह पूर्व ही हुई थी शादी
22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा और रोली मिश्रा की शादी अभी तीन महीने पहले ही हुई थी। उनकी शादी को ज्यादा समय नहीं बीता था, और इस बार रोली का पहला करवा चौथ था। लेकिन, होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था। पहले करवा चौथ से आठ दिन पहले ही राम गोपाल की हत्या कर दी गई, जिससे पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है।
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