सद्भावना आवाज़
बस्ती।
बस्ती में आल इंडिया आशा अधिकार मंच की ओर से शनिवार को आशा और संगिनी सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सांसद हरीश द्विवेदी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आशा और संगिनी की भूमिका महत्वपूर्ण है। उनकी समस्याओं का प्रमुखता से समाधान कराया जाएगा।राष्ट्रीय अध्यक्ष सन्तोष पांडेय ने 7 सूत्रीय मांग पत्र सांसद को सौंपा। इसमें प्रोत्साहन राशि के स्थान पर निश्चित मानदेय, आशा बहुओें को न्यूनतम 18 हजार और संगिनी को 24 हजार, 50 लाख का बीमा, अतिरिक्त या अन्य विभागों का कार्य न दिये जाने, राज्य कर्मचारी का दर्जा, मृतक आश्रित, आशा व संगिनी के परिवार को अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति दिए जाने की मांग सौंपा। सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि सभी मांगे न्यायोचित है।
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दिशा में प्रभावी कार्रवाई कराई
उनका प्रयास होगा कि इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई कराई जाए।भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश प्रसाद शुक्ल ने कहा कि आशा और संगिनी की भूमिका महत्वपूर्ण है। सरकार और शासन स्तर पर इनकी मांगे विचारणीय है। निश्चित रूप से संवेदनशील सरकार उनकी मांगों पर न्यायोचित पहल करेगी। सम्मेलन को नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि अंकुर वर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि राना दिनेश प्रताप सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए।मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर आरएस दूबे ने आशा और संगिनी की भूमिका और शासन स्तर पर दी जा रही सुविधाओं, कार्यों की जानकारी दी। इस दौरान आल इण्डिया आशा अधिकार मंच की राष्ट्रीय सचिव शैलेन्द्री श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष नीलम चौधरी, ममता पाण्डेय, इशरावती चौधरी, कैशरजहां, रेखा, शारदा, पूनम तिवारी, सुनीता सिंह, इन्द्रावती गौतम, किरन देवी के साथ ही बड़ी संख्या में आशा एवं संगिनी उपस्थित रहीं।
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