श्रावस्ती में इस बार संपन्न हुआ 2022 विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान भाजपा के विधायक राम फेरन पांडेय के खिलाफ सपा प्रत्याशी के द्वारा झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के आरोप को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की गई थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।दरअसल श्रावस्ती जनपद में 2022 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी से 290 विधानसभा श्रावस्ती से राम फेरन पांडेय द्वारा अपना नामांकन कराया गया था। जबकि समाजवादी पार्टी से असलम रायनी ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। वहीं चुनाव संपन्न होने के बाद बीजेपी के राम फेरन पांडेय विजयी होकर विधायक बने, जबकि सपा प्रत्याशी असलम रायनी दूसरे नंबर पर पहुंच गए थे।
बताते चलें कि सपा प्रत्याशी असलम रायनी ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में राम फेरन पांडेय पर विधानसभा चुनाव के नामांकन के दौरान झूठा शपथ पत्र देने का आरोप लगाया था। इसके साथ विधायक राम फेरन पांडेय पर आयु के साथ कई अन्य चीज छुपाने का भी आरोप लगा था। वहीं विधायक राम फेरन पांडेय ने खुद पर लगाए गए आरोप को निराधार बताया था।वहीं इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में हुई। इसके बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए बीजेपी के विधायक राम फेरन पांडेय पर लगाए गए सभी आरोपी को खारिज करते हुए याचिका को निरस्त कर दिया है।