अधिवक्ताओं ने मेरठ बार संघ के आवाह्न पर 22 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित डीएम को ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ताओं का कहना है कि 3 वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई। मूलभूत सुविधाओं के चलते अधिवक्ताओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अधिवक्ताओं ने ज्ञापन सौंपकर समस्या निदान कराने की मांग की है।मंगलवार को सैकड़ों अधिवक्ता मांगों को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा। वहीं अधिवक्ताओं का कहना है की उनकी मूलभूत सुविधाओं की कमी को सरकार पूरा नहीं कर रही है। जिसको लेकर अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय से लेकर कलेक्ट्रेट डीएम कार्यालय तक प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी भी की है।
मूलभूत सुविधाओं की कमी
अधिवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि हम लोगों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा है। अधिवक्ताओं के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी है। जिसमें चैंबर, लाइब्रेरी, ट्रेनिंग सेंटर, कैंटीन, बैंक आदि की कोई सुविधा नहीं है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी जनपद में कोई जमीन चिह्नित नहीं की जा रही है।अधिवक्ताओं का कहना है कि हम सबको भवन मिलना चाहिए। जिसकी कोई सुविधा अभी तक हम लोगों को नहीं मिली है। सरकार ने नियमों में भी बदलाव किया। जिसमें BNS लागू किया, लेकिन हम लोगों को ना तो कोई ट्रेनिंग मिली और ना ही कोई कंप्यूटर की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। जिससे हम लोगों को काफी समस्या हो रही है।
हत्या की हो एसआईटी जांच
वहीं मामले पर अधिवक्ताओं का कहना है कि मेरठ बार संघ के आवाह्न पर 22 सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है। हम लोगों की विभिन्न समस्याएं हैं। जिनको सरकार सुनकर निदान करें। जिसमें हम लोगों ने यह भी मांग किया है कि जिन अधिवक्ताओं की हत्या हुई है। उनकी एसआईटी जांच होनी चाहिए। मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिया जाना चाहिए। साथ ही एक करोड़ का मुआवजा मिलना चाहिए। वहीं अधिवक्ताओं की मांग है कि राज्यसभा विधानसभा विधान परिषद में अधिक से अधिक सीटें दी जाए। वहीं इन्हीं तमाम समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।