सद्भावना आवाज़
उत्तरप्रदेश।
मुरादाबाद में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में मंगलवार को भगदड़ मच गई। दरबार में शामिल होने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। रेलिंग को तोड़कर भीड़ अंदर घुस गई। इसके बाद पुलिस और बाउंसरों की पब्लिक से धक्का-मुक्की हो गई। यहां पंडित धीरेंद्र शास्त्री श्री हनुमंत कथा सुना रहे हैं। उनका कार्यक्रम सोमवार को शुरू हुआ और कल यानी बुधवार तक चलेगा। बागेश्वर बाबा के दरबार का आयोजन नया मुरादाबाद में किया गया है। यहां भारी तादाद में पब्लिक दरबार में शामिल होने के लिए उमड़ी है।
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हम आ गए हैं तो मुरादाबाद भी भगवामय हो जाएगा
धीरेंद्र शास्त्री ने कथा के दौरान कहा कि अब हम मुरादाबाद आ गए हैं, तो बहुत जल्द मुरादाबाद भी भगवा रंग में रंग जाएगा। उनका इशारा 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर था। मुरादाबाद में भाजपा 2019 का लोकसभा चुनाव हार गई थी।
संभल में मंदिर से आती है भगवान की आवाज
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि संभल में एक मंदिर है जो सालों से बंद है, लेकिन बंद मंदिर से भी भगवान की आवाज आती है। बागेश्वर धाम ने संभल स्थित हरिहर मंदिर का मुद्दा अपनी कथा में उठाया है। संभल में स्थित जामा मस्जिद को हिंदू समाज प्राचीन हरिहर मंदिर होने का दावा करता है।
मुरादाबाद का नया नाम माधोगढ़ दिया
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मुरादाबाद को नया नाम भी दिया है। बीते दिन उन्होंने मुरादाबाद को माधोगढ़ कहकर संबोधित किया। बोले- ये नाम सुनने और पुकारने में अच्छा लगता है।
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पंडित धीरेंद्र शास्त्री के 3 बयान पढ़िए, जो सुर्खियों में रहे…
- बागेश्वर वाले बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने महिलाओं पर बयान दिया था, जो खूब चर्चा में रहा। उन्होंने कहा था कि जिस स्त्री की शादी हो गई है। उसकी दो पहचान होती है। पहला- मांग का सिंदूर। दूसरा-गले का मंगलसूत्र। जिस स्त्री की मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र न हो, तो समझिए प्लॉट खाली है।
- पिछले साल अप्रैल में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का एक वीडियो आया था। इसमें वे भक्तों से कह रहे थे कि तुम अभी नहीं जागे, तो यह तुम्हें अपने गांव में भी भोगना पड़ेगा। इसलिए मेरी अपील है कि सभी हिंदू एक हो जाओ और पत्थर फेंकने वालों के घर बुलडोजर चलवाओ। कुछ दिन बाद हम भी बुलडोजर खरीदने वाले हैं।’
- इस साल अप्रैल में भी धीरेंद्र शास्त्री का एक बयान सामने आया था। इसमें उन्होंने कथा के दौरान राजा सहस्त्रबाहुजी को बलात्कारी और राक्षस बताया था। उन्होंने कहा था कि हैहयवंश को खत्म करने के लिए ही भगवान परशुराम ने फरसा उठाया था। इस वंश का राजा बड़ा ही क्रूर था। वह न केवल साधुओं पर अत्याचार करता था, बल्कि महिलाओं के साथ भी बलात्कार जैसा कुकर्म करता था।