बलरामपुर | अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को संविधान सम्मान और जनहित हुंकार यात्रा के तहत श्रीदत्तगंज में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। मौर्य ने कहा कि सरकार की सोच है – ना रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी, यानी न पढ़ेगा गरीब, न मांगेगा नौकरी।हाल ही में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर मौर्य ने कहा कि यह अभियान बहनों के सम्मान की बात कहकर शुरू तो किया गया, लेकिन 24 घंटे में ही उसका विराम कर दिया गया। उन्होंने कहा, “अगर हमला हुआ था तो जब तक आतंकवादी खत्म न हो जाएं, कार्रवाई जारी रहनी चाहिए थी। लेकिन दोनों देशों के प्रधानमंत्री अपनी-अपनी शाख बचाने के लिए पीछे हट गए।”मौर्य ने कहा कि देश में महंगाई चरम पर है, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। बेरोजगारी की हालत यह है कि पढ़े-लिखे नौजवान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। भाजपा सरकार आने के बाद से सरकारी भर्तियों पर ताला लग गया है।
5 किलो अनाज पर अटका है करोड़ों लोगों का जीवन
उन्होंने कहा, “140 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ लोग 5-10 किलो अनाज के भरोसे हैं। क्या ऐसे लोग अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर या अफसर बना सकते हैं?”मौर्य ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में यूपी के 27000 प्राइमरी स्कूल चार महीने में बंद कर दिए गए। उन्होंने कहा, “यह गरीब, किसान, मजदूर के बच्चों को उच्च शिक्षा से वंचित रखने की साजिश है।”
किसानों की अनदेखी, छुट्टा जानवरों से बर्बादी
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दे रही है। खेतों में तारबंदी कर दी गई है क्योंकि छुट्टा जानवर फसल बर्बाद कर रहे हैं, लेकिन मोदी-योगी को इसकी चिंता नहीं।
‘हिंदू-मुसलमान’ के पीछे असली मुद्दे छिपा रही सरकार
मौर्य ने सरकार पर धार्मिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि, “इनको 24 घंटे सिर्फ हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद दिखाई देता है। लेकिन न बेरोजगारी, न गरीबी, न महंगाई और न ही शिक्षा पर बात होती है। जब असली मुद्दे उठते हैं, तो इनकी नानी मर जाती है।”उन्होंने लोगों से अपील की कि इन चालबाजियों से सावधान रहें। बोले, “हम सबको आपस में लड़ाने की कोशिश की जा रही है, ताकि सरकार अपनी नाकामी छिपा सके। लेकिन अब जनता सब जान गई है।”