श्रीश्री108 सत्य प्रचारिणी रामलीला समिति द्वारा नगर के रामलीला मैदान में चल रहे मंचन के छठवें दिन स्थानीय कलाकारों द्वारा सूर्पनखा की नाक कटना व सीता हरण का मंचन किया। रामलीला मंचन में दिखाया गया कि सूर्पनखा चित्रकूट में पहुंचती है, जहां वह राम लक्ष्मण का मनमोहक रूप देखकर उनकी ओर आकर्षित हो जाती है और श्री राम से शादी करने की इच्छा जताती है तो श्रीराम मना कर देते है तो वह उनके छोटे भाई लक्ष्मण को शादी के लिए कहती है। जब लक्ष्मण भी मनाकर देते हैं तो सूर्पनखा राक्षसी रूप दिखाकर उन्हें डराती है, लेकिन डरने की बजाए लक्ष्मण सूर्पनखा की नाक को काट देते हैं। इसके बाद सूर्पनखा सीधे अपने भाई रावण के दरबार पहुंचती है, जहां वह रावण को राम लक्ष्मण के बारे में भड़काती है जिसके बाद रावण और मामा मारीच सूर्पनखा के साथ हुई इस घटना का बदला लेने के लिए सीता हरण के लिए पहुंच जाते है, मारीच एक सुंदर हिरण का रूप धारण कर लेता है और रावण साधु का भेष बना लेता है।
रावण से जटायु ने सीता को बचाने के लिए किया युद्ध
मंचन में दर्शाया गया कि सुंदर हिरण देखकर सीता जी मोहित हो जाती है, सीता जी को अकेले न छोड़ने का आदेश लक्ष्मण को देकर राम हिरण पकड़ने चले गए। जैसे ही राम का बाण हिरण बने मरीच को लगा, मरीच ने राम की आवाज में लक्ष्मण और सीता को पुकारने लगे। राम की आवाज सुन सीता व्याकुल हो जाती है लक्ष्मण को राम की मदद के लिए जाने का आदेश देती है। सीता की आज्ञा सुन, लक्ष्मण ने सीता को लक्ष्मण रेखा में सुरक्षित किया और राम की मदद को चल दिए। तभी साधु का रूप धर, रावण भिक्षा लेने सीता की कुटिया के पास आ पहुंचा और सीता से लक्ष्मण रेखा से बाहर आकर भिक्षा देने को कहा। जैसे ही सीता भिक्षा देने लक्ष्मण रेखा से बाहर आईं, रावण ने सीता का अपहरण कर लिया। राम ने लक्ष्मण को देख उनसे सीता को अकेले छोड़ आने का कारण पूछा। खतरे को भांप दोनों ने कुटिया की ओर दौड़ लगाई। कुटिया में सीता को न पाकर राम, लक्ष्मण सीता को खोजने के लिए निकल पड़े। सीता का अपहरण कर ले जा रहे रावण से जटायु ने सीता को बचाने के लिए युद्ध किया। उक्त मंचन कार्यक्रम को देख दर्शक के भाव विभोर उठे।
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