बलरामपुर। तुलसीपुर विकास खंड के बसंतपुर गांव में जल जीवन मिशन योजना को लेकर शुरू किया गया 2.19 करोड़ रुपए का पानी टंकी निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है, जिससे यहां के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की सुविधा नहीं मिल पा रही है। यह योजना 2021 में नमामि गंगे योजना के तहत शुरू की गई थी, लेकिन अब तक यह पूरी तरह से असफल साबित हो रही है।इस परियोजना का जिम्मा मेसर्स दारा इको प्रोटेक्शन नामक कार्यदाई संस्था को सौंपा गया था, और यह काम 15 सितंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद जताई गई थी। लेकिन कार्य शुरू होने के कुछ ही समय बाद, संस्था ने सारा सामान लेकर काम छोड़ दिया और फरार हो गई। इसके बाद से काम पूरी तरह से ठप हो गया, और अब तक पानी टंकी का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।
ग्रामीणों को हो रही है भारी परेशानी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पानी की टंकी का निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण उन्हें शुद्ध पेयजल के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मोह रईस, गुलाम अली, संतोष और जनक राम जैसे ग्रामीणों का कहना है कि कई बार उन्होंने प्रशासन से इस समस्या को उठाया है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं मिला। गंदे पानी का उपयोग करना उनकी मजबूरी बन गई है, जो स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
सरकार की योजनाओं पर सवालिया निशान
जल जीवन मिशन जैसी महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य देशभर में ग्रामीण इलाकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना था। सरकार ने इस दिशा में करोड़ों रुपए खर्च किए हैं, लेकिन बसंतपुर जैसी परियोजना की स्थिति इस योजना की सफलता पर सवाल उठाती है। सरकार के दावे को चुनौती देते हुए ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं होता, तो इसका असर जनता के विश्वास पर पड़ सकता है।