मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समय के प्रवाह की गति को समझना और उसके अनुरूप विज्ञान और तकनीकी से खुद को तैयार करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन सत्र में बोलते हुए उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि तकनीक को अपनाकर देश और समाज को सशक्त बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान और तकनीकी जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने नब्बे के दशक में कंप्यूटरीकरण के विरोध का जिक्र करते हुए बताया कि आज हम ई-ऑफिस और स्मार्टफोन की दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं। बिजली, इंटरनेट, जीपीएस और सोशल मीडिया जैसी तकनीकों ने जीवन को सहज और सुलभ बना दिया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तकनीक का उपयोग यदि अच्छे हाथों में होगा तो यह लोक और राष्ट्र कल्याण का माध्यम बनेगी, लेकिन नकारात्मक हाथों में यह आतंकवाद और विनाश का कारण बन सकती है।मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है और युवा ऊर्जा को सही दिशा देने का सामर्थ्य रखता है। उन्होंने विद्यार्थियों को ज्ञानवान और शीलवान बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने गीता के श्लोक ‘न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते’ का जिक्र करते हुए कहा कि ज्ञान के समान पवित्र कुछ भी नहीं है। सीएम ने कहा कि भारत की 56 प्रतिशत आबादी युवा है, जो देश को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। उन्होंने राम, कृष्ण, गुरु गोविंद सिंह, स्वामी विवेकानंद और अन्य महापुरुषों का उदाहरण देकर बताया कि किस प्रकार युवा ऊर्जा ने इतिहास में परिवर्तन किया है।
मानवता की रक्षा के लिए तकनीक अच्छे हाथों में हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक के सही उपयोग के लिए नैतिकता और राष्ट्रधर्म का पालन जरूरी है। उन्होंने कहा कि एटॉमिक पावर से सस्ती और प्रदूषण मुक्त ऊर्जा हासिल की जा सकती है, लेकिन इसका दुरुपयोग विनाश का कारण बनता है। योगी आदित्यनाथ ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे तकनीकी से जुड़ें, लेकिन नैतिकता और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें।
राष्ट्रधर्म पर बल, युवाओं को दिया संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि मानकर चलने से ही मानवता का कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि छात्र शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है और युवाओं को संगठित होकर राष्ट्र निर्माण में जुटना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए युवाओं का योगदान अनिवार्य है। मुख्यमंत्री ने प्रो. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार विजेता दीपेश नायर के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि मूक-बधिर बच्चों के धर्मांतरण की साजिश पर अंकुश लगाना समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि गुड़गांव और कानपुर में 500 परिवारों को टारगेट करने वाले रैकेट को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
युवा ऊर्जा का सम्मान और सही दिशा अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी युवा ऊर्जा को सही दिशा दी गई है, उसने दुनिया में बदलाव लाने का काम किया है। विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों ने इस दिशा में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद का सदस्य होना गौरव की बात है और उन्होंने भी अपने छात्र जीवन में इसका हिस्सा बनने का सौभाग्य पाया है। अधिवेशन के समापन से पहले मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का दौरा किया और विभिन्न संस्थानों के कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति और विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।