संविधान निर्माता और महान समाज सुधारक बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को बलरामपुर में परिनिर्वाण दिवस के रूप में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया और उनके योगदान को याद किया।सदर विधायक पलटू राम ने बाबा साहब के विचारों को आत्मसात करने की अपील की। उन्होंने कहा कि बाबा साहब केवल संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि उन्होंने देश और समाज को समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का मार्ग दिखाया। उनके विचार और दर्शन आज भी प्रासंगिक हैं।विधायक ने कहा, “बाबा साहब ने समाज में व्याप्त असमानता और अन्याय के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया। उनके अनुयायियों को उनके नाम पर राजनीति करने के बजाय उनके सिद्धांतों और आदर्शों पर चलना चाहिए। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
सभी वर्गों ने किया बाबा साहब को नमन
इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। उन्होंने बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बाबा साहब के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने न केवल वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा की बल्कि समाज को आधुनिक दृष्टिकोण और समानता के विचारों से जोड़ा।
समाज को दिया सशक्त संविधान
वक्ताओं ने बाबा साहब के सशक्त संविधान निर्माण की चर्चा करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से भारत एक लोकतांत्रिक देश बन पाया। उन्होंने समाज के हर वर्ग को संविधान के माध्यम से अधिकार दिए और सामाजिक समरसता का सपना साकार किया।कार्यक्रम में युवाओं से बाबा साहब के विचारों और आदर्शों को अपनाने का आग्रह किया गया। वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब का जीवन हर व्यक्ति को प्रेरित करता है कि वह अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करे और समाज में समानता लाने के लिए कार्य करे।
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