जिले में साइबर ठगी करने वाले दो अंतरराज्यीय आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों से 60 हजार रुपये नकद, चार मोबाइल फोन और कूटरचित दस्तावेज बरामद किए गए हैं। ये आरोपी सच्चिदानंद मंडल और दीपक वर्मा हैं, जो झारखंड और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इन दोनों पर कई साइबर ठगी के मामलों का आरोप है। आरोपियों के खिलाफ बलरामपुर और झारखंड के साइबर थानों में ठगी के कई मामले दर्ज हैं।यह मामला तब सामने आया जब 25 अक्टूबर 2024 को विशुनापुर निवासी आनंद कुमार ने साइबर ठगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों ने पोषण ट्रैकर एप के जरिए गर्भवती महिला को छह हजार रुपये देने का झांसा देकर उनके खाते से 20 हजार रुपये निकाल लिए थे। इसके अलावा, आरोपियों ने अन्य दुकानदारों से भी ठगी की थी। शिकायत में यह भी बताया गया कि ठगों ने अजीत मोबाइल शॉप, मिश्रा सीएससी सेंटर और आराध्या मोबाइल शॉप भगवतीगंज से भी ठगी की थी, जिससे कुल ठगी की राशि 99 हजार रुपये के आसपास पहुंच गई थी।
आरोपियों की तलाश शुरू
पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना बलरामपुर में मामला दर्ज किया और आरोपियों की तलाश शुरू की। पुलिस ने बृहस्पतिवार को बहादुरापुर पेट्रोल पंप के पास से सच्चिदानंद मंडल और दीपक वर्मा को गिरफ्तार किया। इनके पास से बरामद नकदी और जाली दस्तावेजों से पुलिस को यह संकेत मिला कि इनका साइबर ठगी का नेटवर्क काफी विस्तृत है, जो झारखंड और उत्तर प्रदेश में सक्रिय है।पूछताछ में सच्चिदानंद मंडल ने बताया कि उसका गांव झिलुआ जगदीशपुर झारखंड में है, जहां उसके साथ 20 लड़के साइबर ठगी करते हैं। दीपक वर्मा से उसकी दोस्ती मौसी के घर जाने के दौरान हुई थी, जो झूरीकुइंया, गोंडा में रहती हैं। सच्चिदानंद ने दीपक को साइबर ठगी में शामिल कर लिया और दोनों मिलकर जिले के चार दुकानदारों से 98,999 रुपये की ठगी कर चुके थे। दोनों आरोपियों ने दिसंबर 2023 में झारखंड के गिरीडीह साइबर थाना में भी ठगी के आरोप में जेल काटी थी।