सद्भावना आवाज़
अरविन्द यादव (संवाददाता)
अम्बेडकरनगर।
जनपद में अवैध ईंट भट्ठों का संचालन बड़ी तेजी के साथ हो रही हैं, जिस प्रकार से बगैर एनओसी केअवैध रूप से भट्ठे संचालित हो रहे उससे यही कहा जा सकता है, कि कमीशन खोरी जमकर की जा रही हैं। बगैर रॉयल्टी के जहां मिट्टी की खुदाई की जा रही, तो वहीं प्रदूषण की मार भी लोगों को झेलना पड़ रहा है। मानक की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
क्या है मामला
जनपद अम्बेडकर नगर में करीब 351 ईंट भट्ठे संचालित है, जिसमें ढाई सौ के करीब ईंट भठ्ठे मौके पर रनिंग में है। वहीं 145 ईंट भट्ठों का पुराना प्रदूषण विभाग से एनओसी बनी हुई है, जो लगातार हर पंच वर्षीय रिन्युअल किया जा रहा, जबकि इन ईंट भट्ठों का मानक पूरा भी नहीं है, वहीं करीब एक सौ पांच ईंट भट्ठे बगैर एनओसी संचालित हो रहे है।
क्या है ईंट भट्ठों की मानक
ईंट भट्ठों को एनओसी देने के दौरान मानक तय किया जाता हैं, कि 500 मीटर की अवधि में सरकारी स्कूल संस्थान ढेड़ एकड़ तक बाग बगीचा न हो ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों के लिए एम्बुलेंस फस्ट ट्रीट की व्यवस्था पक्का मकान उनके बच्चों को विद्यालय में एडमिशन मजदूरों के लिए मनोरंजन के साधन ईंट चिमनी के चारों तरफ पानी डम्पिंग की व्यवस्था जिससे प्रदूषण ज्यादा न हो मानक तय किया जाता हैं, लेकिन यहां तो एक भी ईंट भट्ठों पर यह मानक नहीं फिर भी अधिकारी कर्मचारी कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं है।
क्या है एनओसी
प्रदूषण विभाग के द्वारा ईंट भट्ठों के संचालक के दौरान प्रदूषण हेतु मानक की जांच कर एनओसी देती हैं, लेकिन यहां पैसे के लिए विभाग के द्वारा मात्र कागजों पर ही मानक तय किया जाता हैं, जनपद में 2012 से अब तक मात्र गिने चुने ही चार पांच ईंट भट्ठों को एनओसी दी गई हैं। जबकि अन्य कई ईंट भट्ठे पुराने एनओसी पर ही संचालित है वही कई ईंट भट्ठे अलग अलग बनने के बाद भी पुराने एनओसी के सहारे ईंट भट्ठे संचालन कर रहे हैं।
वगैर रॉयलटी के मिट्टी खनन
अवैध रूप से जहां ईंट भट्ठे चल रहे तो वहीं जेसीबी मशीन मालिकों द्वारा भी मानक के विपरीत जमकर मिट्टी की खुदाई कर रहे हैं, तो वह भी वगैर रॉयल्टी के मिट्टी की खुदाई का अम्बेडकर नगर में मानक ही तय नहीं किया गया है। सीतापुर, बलरामपुर के मिट्टी खनन के मानक यहां लागू किया जाता है।
क्या कहा खनन विभाग ने
खनन अधिकारी दाऊद अंसारी के द्वारा दूरसंचार पर बात करने पर कहा कि मीटिंग में है, बाद में बात करते हैं ज्ञात हो कि ऐसे मामले में बात करने पर यही हवाला दिया जाता हैं, कि मीटिंग में है फिर फोन ही काट दिया जाता है।