सद्भावना आवाज़
शशिधर पाण्डेय (संवाददाता)
गोण्डा।
गोण्डा जिले में बुधवार को आसरा आवास में रहने वाली कुछ महिलाएं जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गईं। सूत्रों से खबर है की यह सभी महिलाएं डूडा के कर्मचारियों से पीड़ित होकर के जिलाधिकारी से शिकायत करने उनके कार्यालय पर पहुंची, किंतु वहां पहुंचकर उन्हें यह पता चला की जिलाधिकारी किसी आवश्यक मीटिंग हेतु कुछ देर पूर्व ही निकल चुके हैं। जानकारी के अनुसार आसरा आवास में रह रही कुछ महिलाओं को डूडा द्वारा तत्काल मकान खाली करने का नोटिस जारी किया गया है, जिसके बाद महिलाओं ने यह कदम उठाया।हालांकि महिलाओं की समस्या जटिल है, बता दें बरसात का मौसम है जिसमें महिलाओं के पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे हैं महिलाएं गरीब परिवार की हैं, जिनकी आर्थिक दशा इतनी अच्छी नहीं है, कि वह तत्काल किसी मकान की व्यवस्था कर सकें।

महिलाओं का आरोप है की पूर्व में 412 मकान जिनका आवंटन तमाम गैर जिले के लोगों को फर्जी आधार के जरिए किया गया। उस समय ना तो उनका वोटर लिस्ट में नाम देखा गया, ना राशन कार्ड देखा गया और ना ही उनका परिवार रजिस्टर में नाम की जांच की गई।
केवल फर्जी आधार के माध्यम से यहां की आईडी बना करके आजमगढ़ बलिया बहराइच श्रावस्ती गोरखपुर प्रतापगढ़ सुल्तानपुर कोई भी ऐसा जिला नहीं है जहां के लोगों के नाम इन मक्कार डूडा के कर्मचारियों ने मकान आवंटित न कराया हो। माननीय नितिन बंसल जी के आंख में धूल झोंक कर इन्होंने पैसा खा खा करके यह कार्य किया है। महिलाओं का कहना है की जिलाधिकारी के संज्ञान में यह बात अभी तक नहीं है। अब बचे 188 क्वार्टर्स में कुछ गरीब वा असहाय लोग जो जिले से ही संबंधित है, या तो अगल-बगल के हैं या फिर किसी आसपास के गांव के हैं तीन-चार सालों से रह रहे हैं।
