योगी आदित्यनाथ ने खुद को भारतीय जनता पार्टी के चुनावी अभियान में सबसे भरोसेमंद चेहरा साबित कर दिया है। उनकी नेतृत्व क्षमता और विकास केंद्रित नीतियों ने न केवल उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत किया बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 2023 के नगर निकाय चुनावों में भाजपा ने योगी की रणनीति के बल पर सभी 17 नगर निगमों में महापौर चुने जाने का रिकॉर्ड बनाया। पार्षद, पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भी पार्टी ने पिछली बार के मुकाबले बड़ी बढ़त हासिल की। यह जीत योगी सरकार की विकास योजनाओं और कानून-व्यवस्था पर आमजन की मुहर है।
विधानसभा उपचुनाव: सपा-बसपा के गढ़ों में कमल खिला
2024 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में भाजपा और सहयोगी दलों ने 9 में से 7 सीटें जीतीं। रामपुर जैसी सीटों पर पहली बार कमल खिलना और आजम खां का गढ़ ढहाना योगी की कुशल रणनीति का नतीजा है। स्वार टांडा, छानबे, लखनऊ पूर्वी, गोला गोकर्णनाथ और कुंदरकी जैसे क्षेत्रों में भाजपा ने प्रभावशाली जीत दर्ज की।
राष्ट्रीय राजनीति में योगी की अहम भूमिका
योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता अब उत्तर प्रदेश की सीमाओं से परे पहुंच चुकी है। महाराष्ट्र, त्रिपुरा, ओडिशा, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में उनके चुनावी प्रचार ने भाजपा को जबर्दस्त बढ़त दिलाई। त्रिपुरा में दो दिन में छह रैलियां और रोड शो कर उन्होंने भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया। वहीं, ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार के खिलाफ भाजपा की सफलता में भी उनका योगदान रहा।
सत्ता में वापसी और विधान परिषद में जीत
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद योगी ने विधान परिषद उपचुनाव में भी पार्टी को बढ़त दिलाई। कुशल रणनीति से अखिलेश यादव की साजिशों को ध्वस्त करते हुए भाजपा प्रत्याशियों ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।
“योगी ब्रांड” ने भाजपा को दी नई ऊर्जा
योगी आदित्यनाथ की पहचान अब सिर्फ एक मुख्यमंत्री की नहीं, बल्कि भाजपा के “विजयी योद्धा” की बन गई है। उनकी विकास योजनाएं, रोजगार सृजन, और सख्त कानून-व्यवस्था ने उन्हें हर आयु वर्ग और वर्ग के लोगों का चहेता बना दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योगी की भूमिका ने भाजपा को मजबूत आधार दिया है, जिससे पार्टी 2024 के चुनावों में और भी मजबूत स्थिति में खड़ी है।