महाकुम्भ 2025 ग्रामीण महिलाओं के लिए न केवल धार्मिक आयोजन का केंद्र बनेगा, बल्कि उनके रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण का बड़ा जरिया भी साबित होगा। राज्य आजीविका मिशन ने महिलाओं को महाकुम्भ में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हजारों ग्रामीण महिलाओं को इस मेले में स्टॉल, दुकान और कैफिटेरिया चलाने का मौका मिलेगा।
ग्रामीण महिलाओं के लिए होगा रोजगार का सृजन
महाकुम्भ में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, जो अल्पाहार और उपयोगी वस्तुएं खरीदते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, राज्य आजीविका मिशन ने महिला समूहों को मेला क्षेत्र में 5 कैंटीन और 40 से अधिक स्टॉल संचालित करने की अनुमति देने का प्रस्ताव कुम्भ मेला प्राधिकरण को भेजा है। एनआरएलएम के उपायुक्त राजीव कुमार सिंह का कहना है कि प्रत्येक सेक्टर में इन महिलाओं को 10 दुकानें आवंटित करने का भी प्रस्ताव है। इस योजना के तहत 5,000 से अधिक ग्रामीण महिलाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

महाकुम्भ के उत्पाद बनेंगे ब्रांडिंग का जरिया
महाकुम्भ में ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पाद मेले की पहचान को भी नया स्वरूप देंगे। मफलर और कैप जैसे गर्म कपड़ों पर महाकुम्भ का लोगो और स्लोगन प्रिंट किया जा रहा है। ये उत्पाद श्रद्धालुओं को सर्दी से बचाने के साथ-साथ मेले की याद भी दिलाएंगे।नेहा निषाद, एकलव्य आजीविका महिला समूह की सदस्य, ने बताया कि उनकी टीम ने प्रसाद की डलियों और अंगवस्त्रों पर भी महाकुम्भ के लोगो को उकेरा है, जो इन उत्पादों को विशेष बनाएंगे।
श्रीअन्न को मिलेगा बढ़ावा
उत्तर प्रदेश सरकार श्रीअन्न (मिलेट्स) के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयागराज महाकुम्भ का उपयोग करेगी। मेला क्षेत्र में श्रीअन्न आधारित कैफिटेरिया और 5 कैंटीन स्थापित करने की योजना है। राजीव कुमार सिंह ने बताया कि श्रीअन्न के जौ, बाजरा, और ज्वार जैसे उत्पादों से तैयार नाश्ते और खाने की चीजें यहां परोसी जाएंगी।चिंता देवी, नारी शक्ति प्रेरणा संकुल समिति की अध्यक्षा, ने बताया कि उनके समूह द्वारा श्रीअन्न से विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। महाकुम्भ में इन काउंटरों के जरिए श्रीअन्न को लोकप्रिय बनाने का प्रयास होगा।