बलरामपुर।
जनपद बलरामपुर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश की बलरामपुर इकाई द्वारा लगातार अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन व ध्यानाकर्षण आंदोलन जारी है। अपने विरोध प्रदर्शन और ध्यानाकर्षण आंदोलन के जरिए विद्युत कर्मचारी यह चाहते हैं कि सरकार उनकी सभी मांगों पर विचार करके उनको जल्द से जल्द स्वीकार कर ले। विद्युत कर्मचारियों का कहना है कि वह भी जनता को इस कदर परेशान होता नहीं देख सकते इसलिए वह चाहते हैं कि सरकार बिना देर किए उनकी मांग को स्वीकार करें। विद्युत कर्मचारियों के अनुसार सरकार पूर्व में किए गए अपने वादे से मुकर रही है जिसके तहत उनको यह धरना प्रदर्शन और ध्यान आकर्षण आंदोलन करना पड़ा।
कर्मचारियों ने यहां तक कहा कि यदि किसी भी कर्मचारी का विद्युत सप्लाई को रोकने या बाधित करने में हाथ पाया जाए तो ऊर्जा मंत्री उसे सख्त सजा भी दे सकते हैं। इस धरना प्रदर्शन के तहत विद्युत कर्मचारियों की निम्न मांगे हैं। कर्मचारी चाहते हैं की पेंशन व्यवस्था को पूर्व की भांति ही लागू किया जाए।जैसे के प्रदेश में हर विभाग के साथ साथ विद्युत कर्मचारियों को भी पेंशन मिलती थी ,जिसके सहारे रिटायरमेंट के बाद भी उनके घर आसानी से चल सकते थे ,पुरानी पेंशन व्यवस्था से सरकारी कर्मचारियों के भविष्य सुरक्षित रहते थे। विद्युत विभाग में कार्यरत सभी संविदा कर्मियों को सरकार तत्काल प्रभाव से नियमित करें।कर्मचारियों का कहना है की कर्मचारी बिना की परवाह के दिन रात विभाग के साथ मिलकर किसी भी प्रकार की बाधा से निपटने के लिए तैयार रहते,जब उनसे इतना काम लिया जा रहा है तो उनको सरकार नियमित करे तभी उनका धरना समाप्त होगा।
सरकार द्वारा गत 3 दिसंबर को किए गए समझौते को अमल में लाते हुए उस पर कार्य करते हुए तुरंत उसे लागू किया जाए।कर्मचारियों की दिसंबर माह में बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री द्वारा जो वादा किया गया था जब तक उसको पूरा नहीं किया जाता तब तक किसी भी हाल में कर्मचारी अपना प्रदर्शन रोकने वाले नही हैं। विभाग में कार्यरत सभी बिजली कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा भी तत्काल प्रभाव से प्रदान की जाए।कर्मचारियों की मांग है की जिस प्रकार सभी विभागों में कर्मचारियों को विभागीय इलाज की सुविधा दी जाती है जिससे कोई भी अनहोनी की स्थिति में या बीमारी की स्थिति में उनका इलाज हो सकता है सरकार विद्युत कर्मियों को भी कैशलैस इलाज की सुविधा मुहैया कराए जिसे उनका भी इलाज हो सके।
कर्मचारियों का यह भी कहना है कि समस्त ऊर्जा निगमों का एकीकरण किया जाए एकीकरण करने से सभी उपखंड एक साथ मिलकर और ताकत से भी काम कर पाएंगे तथा जनता को असुविधा भी काम होगी। कर्मचारियों के प्रदर्शन के तहत उनकी बात को सुनते हुए जेई अनीश पांडे और जय संघ के अध्यक्ष श्री केके तिवारी ने जल्द से जल्द इसके समाधान की बात भी कही। जेई अनीश पांडे ने यह भी कहा कि जो भी विद्युत व्यवस्था जनपद में बाधित हो रही है या सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है उसमें उनके द्वारा कोई भी रोक या बाधित करने का प्रयास नहीं किया जा रहा। विद्युत कर्मचारियों के मांग को सरकार द्वारा स्वीकार न किए जाने के कारण नगर की विद्युत व्यवस्था एकदम चरमरा गई है कई इलाकों में तो पूरे दिन से बिजली नहीं आई हैं ।पिछले 30 घंटे से नगर के बलुहा , गुदरहवा , टेढ़ी बाजार कई मोहल्ले अंधेरे में डूबे हुए हैं। जिसके कारण लोगों के सब्र का बांध टूट गया है। शुक्रवार की देर शाम बलूहा , गदुरहवा मोहल्ले के सैकड़ों नागरिक बिजली सप्लाई की मांग को लेकर सड़कों पर आ गए और सड़क जाम कर आंदोलन करने लगे।नगर के गर्ल्स इंटर कालेज चौराहे पर सैकड़ों नागरिक जमा हो गए और नहर बालागंज , गर्ल्स कालेज चौराहा रोड सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करने लगे।
प्रदर्शनकारियों का कहना था की पिछले 30 घंटों से विद्युतआपूर्ति बाधित है लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन के लोग बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे है। विद्युत कर्मचारियों के निरंतर तेज होते धरना प्रदर्शन के तहत नगर में विद्युत व्यवस्था का हाल बेहद ही बुरा है जिसके तहत सभी निजी संस्थानों, कार्यालयों, सरकारी संस्थानों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।नगर मैं इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा चालकों का भी कहना है कि बिजली ना हो पाने के कारण उनके रिक्शे सही से चार्ज नहीं हो पा रहे हैं जिससे जनता को एक जगह से दूसरी जगह जाने ले भी परेशानी का सामना कर रहा हैं। सड़क जाम होने की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। नगर कोतवाल मिथलेश सिंह सहित पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच कर लोगों को समझा बुझाकर सड़क खाली कराई।
प्रदेश सरकार की सख्ती के बावजूद बिजली कर्मियों का आंदोलन खत्म होने के बजाय तेज होता जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार हमारी मांगों को पूरा करने के बजाय हमे एस्मा के नाम पर धमका रही है। उन्होंने कहा कि सबको मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और निजीकरण का खुलकर विरोध होना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि हम सरकार की धमकी से डरने वाले नहीं हैं। हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। जूनियर इंजीनियर संघ के जिला अध्यक्ष केके तिवारी ने #कहा कि हमारी कोई नई मांग नहीं है।
यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से सरकार के साथ आम जनमानस को समस्या से जूझना पड़ रहा है सरकार ने हड़ताल से निपटने के लिए आउटसोर्सिंग और संविदा पर प्रदेशभर में तैनात करीब 500 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी। फिर भी कर्मचारी हड़ताल पर अड़े हैं। गुरुवार रात 10 बजे से शुरू हुई 72 घंटे की हड़ताल के शुरुआती 35 घंटे में प्रदेशभर में करीब 30 लाख से ज्यादा कस्टमर बिजली कटौती से परेशान रहे हैं। पूर्वांचल, पश्चिमांचल, दक्षिणांचल और मध्यांचल समेत केस्को और नोएडा पावर कंपनी में कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब बढ़ रहा है। प्रदेश में कई जिले ऐसे हैं, जहां 80% बिजली आपूर्ति बाधित हो चुकी है। वजह है फॉल्ट को ठीक नहीं किया जा रहा है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, आगरा ,बलरामपुर, गोण्डा,और बरेली समेत कई शहरों में पहले दिन ही जबरदस्त संकट पैदा हो गया।
हड़ताली बिजली कर्मियों को ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने हड़ताल समाप्त करने के लिए 4 घंटे का समय दिया है. मंत्री एके शर्मा ने कहा कि 4 घंटे में काम पर वापस नहीं लौटने वाले संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी. ऊर्जा मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 24 घंटों में 1332 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया गया है, और 22 कर्मियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई हुई है।
ऊर्जा मंत्री का बड़ा बयान, हड़ताली कर्मियों के पास 4 घंटे का समय, काम पर नहीं लौटने पर सेवा समाप्त, सभी संविदा कर्मी की सेवा समाप्त, 22 लोगों पर अभी तक FIR दर्ज। उन्होंने कहा कि संविदा कर्मी,आउट सोर्सिंग की नौकरी पक्की नहीं होती. अगर 4 घंटे में कर्मचारी काम पर नहीं लौटे तो इन सभी को सेवा को समाप्त कर दिया जाएगा. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम अभी भी हड़ताली कर्मचारियों से साथ बात करने के लिए तैयार हैं। आज शनिवार को सीएम योगी ने अपने 5 काली दास मार्ग स्थित आवास पर ऊर्जा मंत्री व विभागीय अधिकारियों साथ बैठक की थी. सीएम योगी को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के संबंध में जानकारी दी और ऊर्जा मंत्री ने सीएम को वर्तमान स्थिति से भी अवगत कराया था।सीएम ने जानबूझकर बिजली बंद करने वालों पर कार्रवाई करने व लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे।
हम सिर्फ 3 माह पूर्व जो ऊर्जा मंत्री द्वारा हमारे संगठन से वादा किया गया था, उसी को पूरा करने की मांग कर रहे हैं।आंदोलनकारियों में अधिशासी अभियंता बाल कृष्ण, सहायक अभियंता प्रेमचंद, अवर अभियंता संतोष मोरिया, राज्य विद्युत परिषद अभियंता शाखा के सचिव मोहम्मद अजीज, राम अधिक कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष आशीष शुक्ला, विद्युत मजदूर संगठन के अध्यक्ष नवल कुमार श्रीवास्तव, विद्युत कर्मचारी सहायक संघ के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह, बिजली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आरपी सिंह सहित भारी संख्या में बिजली कर्मी उपस्थित रहे।