बहराइच में अब कतर्नियाघाट की सैर और आसान होगी, क्योंकि कतर्नियाघाट में प्रवेश शुक्ल से लेकर नौकायन (बोटिंग) तक सभी के रेट न सिर्फ कम हुए हैं, बल्कि बच्चों का प्रवेश निशुल्क हो गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है कि कतर्नियाघाट में आने वाले पर्यटकों की संख्या आधी से भी कम हो गई थी।पांच साल से कम उम्र के स्कूली बच्चों का कतर्नियाघाट में प्रवेश शुल्क बिल्कुल निशुल्क रहेगा। वहीं वयस्कों के रेट भी आधे कर दिए गए। पहले प्रति व्यक्ति 300 रुपए लिया जाता था, वह अब सिर्फ डेढ़ सौ रुपए लिया जाएगा। सफारी का शुल्क 2000 ₹ था, उसकी जगह उसे 500 रुपए कर दिया गया है। नौकायन प्रति घण्टा प्रति व्यक्ति 250 रुपए के स्थान पर 100 रुपए कर दिया गया है।रेट कम करने के सभी निर्णय दुधवा बाघ संरक्षण फाउंडेशन की गवर्निंग बाडी की बैठक में लिए गए हैं। वन मंत्री डॉ अरुण सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक में एसीएस फॉरेस्ट, पीसीसीएफ और एचओएफएफ, पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ, एपीसीसीएफ प्रोजेक्ट टाइगर, एमएलए पलिया, एमएलए बलहा की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
वन मंत्री डॉ अरुण सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया निर्णय
बैठक में फील्ड डायरेक्टर दुधवा टाइगर रिजर्व, डीएफओ दुधवा टाइगर रिजर्व, डीएफओ कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य, डीएफओ उत्तरी खीरी के साथ स्थानीय जिला पंचायत सदस्य, पर्यटन विभाग के प्रतिनिधि और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-भारत के सदस्य शामिल रहे।इस बैठक में पर्यटकों को आकर्षित करने व उनकी सुविधा के लिए जंगल के करीब होटल खोलने के लिए निवेशकों को आकर्षित करने का भी निर्णय लिया गया। जंगल में पड़ने वाले रास्तों को भी दुरुस्त कराए जाने पर सभी की सहमति बनी।प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट आकाशदीप बधावन ने बताया कि बैठक में हुए निर्णयों से पर्यटकों के बढ़ने की पूरी संभावना है। उन्होंने बताया 2022 तक कतर्नियाघाट में पर्यटकों की संख्या लगभग 25 हज़ार प्रति वर्ष थी, लेकिन रेट बढ़ने से यह संख्या सिर्फ 12 हज़ार रह गई। लिहाज़ा अब यह रेट 2010 के रेट के बराबर हो गए हैं जिससे पर्यटकों को काफी आसानी होगी।