बहराइच में परिषदीय विद्यालयों की साफ-सफाई, शिक्षा की गुणवत्ता, अध्यापकों एंव छात्र-छत्राओं की उपस्थिति, मीड-डे-मील की गुणवत्ता का जायजा लेने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ने औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने विकास खण्ड चित्तौरा अन्तर्गत संविलियन विद्यालय सलारपुर, समसा तरहर व गोदनी बसाही के परिषदीय विद्यालय का निरीक्षण किया।
आंगनबाड़ी केन्द्रों का लिया जायज़ा
विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान डीएम ने विद्यालयों के परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा पंचायत भवन का भी जायज़ा लिया समसा तरहर विद्यालय परिसर में स्थापित पंचायत भवन खुला हुआ पाया गया। यहां पर पंचायत सहायक भी मौजूद मिला। जबकि तीनों विद्यालय परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र तथा सलारपुर व गोदनी बसाही में स्थापित पंचायत भवन भी बन्द पाए गए। निरीक्षण के दौरान बन्द पाए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों व पंचायत भवनों का जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कड़ा संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान, सचिव, एडीओ पंचायत, खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा जिला पंचायत राज अधिकारी को तलब किया।
शिक्षा की गुणवत्ता को परखा
संविलियन विद्यालय सलारपुर पहुंचने पर पाया गया कि कक्षा 8 में टीचर द्वारा विज्ञान विषय पढ़ाया जा रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता का जायज़ा लेने के उद्देश्य से डीएम ने छात्र सनी से पुस्तक को पढ़वाकर देखा। डीएम ने बच्चों से चिकित्सकीय परीक्षण तथा आयरन तथा अल्बेण्डाज़ॉल टेबलेट के सेवन के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।सलारपुर के निरीक्षण के पश्चात डीएम ने समसा तरहर व गोदनी बसाही विद्यालयों का भी निरीक्षण कर शिक्षा की गुणवत्ता तथा मध्यान्ह भोजन के बारे में जानकारी प्राप्त की।
बच्चों ने पुलिस बनने की इच्छा जताई
समसा तरहर के निरीक्षण के दौरान डीएम ने कक्षा 4 की छात्रा रागिनी से पुस्तक पढ़वाकर शिक्षा की गुणवत्ता को परखा।डीएम ने जब कक्ष 3 व 4 के छात्र-छात्राओं से पूछा कि आप लोग भविष्य में क्या बनना चाहते हैं, तो लगभग सभी बच्चों ने पुलिस बनने की इच्छा जताई। गोदनी बसाही में डीएम ने शिक्षक बनकर बच्चों को अंग्रेज़ी विषय भी पढ़ाया।डीएम ने कहा कि शिक्षक होने का मतलब मात्र शिक्षा देना नहीं, बल्कि बच्चों को ऐसे संस्कार भी दें। जिससे वह जिम्मेदार नागरिक बनकर देश व प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकें।