सद्भावना आवाज़
नूर आलम (संवाददाता)
बहराइच।
कृषि विभाग बहराइच के तत्वावधान में हरियाली रिसार्ट लखनऊ रोड बहराइच में आयोजित 01 दिवसीय जनपदीय मिलेट्स/खरीफ खाद्यान्न उत्पादकता गोष्ठी एवं किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का डीएम मोनिका रानी ने फीता काटकर शुभारम्भ किया। इसके पश्चात् मेले में लगाये गये कृषि, उद्यान, मत्स्य, रेशम तथा निजी कम्पनियों तथा किसानों द्वारा लगाये गये स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके उत्पाद को अच्छी मार्केटिंग से जोड़कर आय वृद्धि को बढ़ाया सकता है। उन्होंने एफपीओ के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि जनपद में गठित कराये गये एफपीओ द्वारा बड़े पैमाने पर कलस्टर लेबल पर फार्मिंग को ही अपनाकर अच्छी आय वृद्धि की जा सकती है। एफपीओ प्रत्येक नई तकनीकी से जुड़े तथा कलस्टर में खेती करेंगे तो बड़ी-बड़ी कम्पनियां स्वयं उनके दरवाजे पर आकर अच्छा मूल्य देकर उनकी आय में वृद्धि सम्भावित है वरना एफपीओ गठन का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। उन्होंने जनपद के कृषकों को प्राकृतिक खेती से जुड़ने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा यह अपेक्षा की कि नदियों के किनारे बसने वाले सभी किसान प्राकृतिक खेती करें क्योकि नेचुरल फार्मिंग भूमि व जल को स्वस्थ्य बनाये रखती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसान अधिक उपज प्राप्त करने के चक्कर में गुणवत्ताहीन खाद्यान्न उत्पादन करता है जो मानव एवं पर्यावरण के लिए हानिकारक है।

उन्होंने कहा कि हाईब्रिड फसले तो अधिक उत्पादन देती है परन्तु उनमें उचित न्यूट्रिऐन्ट नहीं पाया जाता है। कृषकों द्वारा दलहनी फसलों को छुट्टा जानवरों से बचाव के लिए शासन स्तर पर घेरवाड़ की योजना लागू करने पर चर्चा की जा रही है उम्मीद है कि शीघ्र ही जनपद के ऐसे किसानों को लाभ मिलेगा जिनकी दलहनी फसले छुट्टा जानवर से नहीं बच पाती है। उन्होंने कटान/बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बैम्बो(बांस) का पौधरोपण कराने का वन विभाग को निर्देशित किया। जनपद में मिहींपुरवा विकास खण्ड में सब्जियों के साथ हल्दी की खेती की जा रही है उन्होंने अपेक्षा की कि शहरों के आस-पास निवास करने वाले किसान भाई भी सब्जी एवं हल्दी की खेती कर अधिक आय अर्जित करें। उन्होंने कहा कि मैं भी एक किसान परिवार से हूॅ शीघ्र ही मैं आपके खेतों में आपके साथ निरीक्षण करूॅगी। खेती में महिला कृषकों का प्रतिशत 50-50 रहता है। इस किसान मेले में महिला कृषकों की उपस्थिति प्रशंस्नीय है। उन्होंने किसानों को स्वास्थ्य बनाये रखने हेतु श्री अन्न (मिलेट्स)-ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा आदि की खेती करने पर भी जोर दिया तथा बताया कि शहरों में अब पैसे वाले लोग ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा से बने उत्पाद को अत्यधिक पसन्द कर रहे है।
मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना ने किसान मेले में उपस्थित किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि पहले हमारे पूर्वज ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा से बने भोजन करने हेतु प्रेरित करते थे तब हमे श्री अन्न का महत्व नहीं पता था आज हमारे जीवन में श्री अन्न का अत्यन्त महत्व है। इसी लिए इसे सुपरफूड भी कहते है।
अध्यक्ष जिला पंचायत मंजू सिंह के प्रतिनिधि करनवीर सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि जब हम उच्च शिक्षा प्राप्त कर घर आये तो सामने समस्या यह आ रही थी कि रोज-रोज के खर्चो को किससे प्राप्त किया जाय। हमारे पास खेती उपलब्ध थी जिसमें धान, गन्ना, मछली पालन की खेती करना प्रारम्भ किया। उन्होंने किसानों से अपेक्षा की कि वे अपनी खेती स्वयं करें तथा अपने आस-पास के किसानों को भी यही राय दे। उन्होंने कहा कि 01 रूपये का सागौन का पौधा मिलता है जो 20 वर्ष में 50 हजार रू. का हो जाता है। वृक्ष वातावरण के लिए जरूरी है। जब किसान रहेंगे तभी जय रहेंगे तथा जवान रहेंगे। कम या अधिक खेत मायने नहीं रखता है। तकनीकी खेती करें तथा सागौन, साखू के वृक्ष लगाये जो उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगा।
