जिला महिला अस्पताल में स्थित सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट वार्ड का उच्चीकरण किया गया है। पहले इस वार्ड में 12 बेड थे, जो अब बढ़ाकर 24 कर दिए गए हैं। इस बदलाव से अब जिले के नवजातों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी और उन्हें इलाज के लिए अन्य जिलों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह कदम अस्पताल प्रशासन द्वारा उठाया गया है, जिससे जिले के नवजातों के स्वास्थ्य में सुधार होगा और शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। एसएनसीयू वार्ड का मुख्य उद्देश्य उन नवजातों का इलाज करना है, जो जन्म के बाद गंभीर स्थिति में होते हैं। इनमें सांस लेने में समस्या, कम वजन या अन्य जटिलताएं हो सकती हैं। पहले इस वार्ड में केवल 12 बेड थे, लेकिन नवजातों की बढ़ती संख्या और गंभीर स्थितियों को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने वार्ड की क्षमता को दोगुना किया है। अब इस वार्ड में 24 नवजातों को भर्ती किया जा सकेगा, जिससे अधिक बच्चों को समय पर इलाज मिल सकेगा।
अस्पताल प्रशासन ने उठाया बड़ा कदम
डॉ. सुमन दत्त, जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में एसएनसीयू वार्ड का उच्चीकरण किया गया है। इससे नवजातों के इलाज में काफी सुधार होगा और शिशु मृत्यु दर में कमी की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस कदम से नवजातों को बेहतर इलाज मिलने के साथ-साथ परिवारों को भी राहत मिलेगी। पहले वार्ड फुल होने पर अभिभावकों को निजी अस्पतालों में इलाज के लिए भेजना पड़ता था, लेकिन अब जिले के भीतर ही नवजातों को पर्याप्त उपचार मिल सकेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को मिली मजबूती
एसएनसीयू वार्ड का उच्चीकरण जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करेगा। इस कदम से नवजातों के लिए बेहतर उपचार की संभावना बढ़ेगी, जिससे उनकी जान बचाने के अवसर भी बढ़ेंगे। अब अस्पताल प्रशासन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी नवजात को इलाज के लिए अन्य जिलों में न भेजा जाए और उसे यहां ही आवश्यक चिकित्सा सुविधा मिल सके। इस सुधार से नवजातों के स्वास्थ्य के मामले में जिले में सकारात्मक बदलाव की संभावना जताई जा रही है।